सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को पूर्व आईपीएल चेयरमैन ललित मोदी की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से उन पर लगाए गए 10.65 करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की थी।
अदालत ने कहा कि मोदी दीवानी कानून के तहत उपाय करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन वे बीसीसीआई को यह राशि चुकाने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। यह विवाद प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दक्षिण अफ्रीका में आयोजित 2009 आईपीएल सत्र के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत मोदी पर लगाए गए 10.65 करोड़ रुपये के जुर्माने से पैदा हुआ है।
मोदी ने अपनी याचिका में बीसीसीआई से उसके संविधान के नियम 34 के तहत क्षतिपूर्ति की मांग की, जिसमें अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय उठाए गए कानूनी खर्चों या देनदारियों की प्रतिपूर्ति का प्रावधान है।