facebookmetapixel
1 अक्टूबर से लागू Tata Motors डिमर्जर, जानिए कब मिलेंगे नए शेयर और कब शुरू होगी ट्रेडिंगStock Market Today: ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेतों के बीच कैसी होगी आज शेयर बाजार की शुरुआत?अगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजार

Saif Ali Khan: सैफ अली खान की 15,000 करोड़ की पारिवारिक संपत्ति पर सरकार का दावा, भोपाल में बढ़ी हलचल

भोपाल की ऐतिहासिक संपत्तियों पर दुश्मन संपत्ति अधिनियम 1968 के तहत सरकार का दावा, पटौदी परिवार के पास अपील का आखिरी मौका।

Last Updated- January 22, 2025 | 4:02 PM IST
Saif Ali Khan

बॉलीवुड के नवाब सैफ अली खान सिर्फ पर्दे पर ही नहीं, बल्कि असली जिंदगी में भी शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन इन दिनों उनका ये शाही खानदान एक बड़े विवाद में फंसा है। मध्य प्रदेश में उनकी पैतृक संपत्तियों, जिनकी कीमत करीब 15,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है, पर सरकार ने नजरें गड़ा दी हैं।

क्या है मामला?

भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान की सबसे बड़ी बेटी अबीदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान चली गईं। उनकी दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान भारत में रहीं और नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की। साजिदा को इन शाही संपत्तियों की कानूनी वारिस माना गया। बाद में ये संपत्तियां उनके पोते सैफ अली खान तक पहुंचीं। अब सरकार का दावा है कि ये संपत्तियां “दुश्मन संपत्ति” के दायरे में आती हैं क्योंकि अबीदा पाकिस्तान चली गई थीं।

कोर्ट का फैसला

हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इन संपत्तियों पर 2015 से लगी रोक हटा दी। अदालत ने कहा कि इस मामले का हल “दुश्मन संपत्ति अधिनियम 1968” के तहत हो सकता है। कोर्ट ने सभी पक्षों को 30 दिन के अंदर अपनी अपील दाखिल करने का मौका दिया है।

शाही संपत्तियां कौन-कौन सी?

इनमें भोपाल की ऐतिहासिक जगहें शामिल हैं, जैसे फ्लैग स्टाफ हाउस, जहां सैफ का बचपन बीता, नूर-उस-सबह पैलेस, दर-उस-सलाम, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा प्रॉपर्टी।

भोपाल में मचा हड़कंप

इस फैसले के बाद भोपाल में हलचल तेज हो गई है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा है कि इन संपत्तियों के पिछले 72 सालों के रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग इन संपत्तियों पर रह रहे हैं, उन्हें किरायेदार माना जा सकता है।

करीब 1.5 लाख लोग इस फैसले से प्रभावित हो सकते हैं। इनमें से कई को अपनी छत छिनने का डर सता रहा है।

लोग क्या कह रहे हैं?

स्थानीय निवासी नसीम खान ने कहा, “हमने यहां सालों से टैक्स भरा है, लेकिन हमारे घरों की रजिस्ट्री नहीं है। सरकार कह रही है कि ये शाही संपत्तियां हैं, लेकिन इनमें से कई पहले ही बेच दी गई हैं।” दूसरे निवासी चांद मियां का कहना है, “नवाब साहब ने हमें ये जगहें पट्टे पर दी थीं। ये मुद्दा इतना सीधा नहीं है जितना दिखता है।”

बहरहाल, पटौदी परिवार के पास अब भी अपील का मौका है। लेकिन सरकार की कार्रवाई और कोर्ट के फैसले ने विवाद को गर्मा दिया है। ये देखना दिलचस्प होगा कि सैफ अली खान और उनका परिवार इस कानूनी लड़ाई को कैसे लड़ता है।

First Published - January 22, 2025 | 3:58 PM IST

संबंधित पोस्ट