राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक देश में बदलाव का वास्तुकार है। रिजर्व बैंक वित्तीय समावेशन, मौद्रिक स्थिरता को कायम रखकर और मजबूत आर्थिक वृद्धि को संभव बना कर बदलाव का वास्तुकार (आर्किटेक्ट) रहा है। मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक की 90वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने कहा,’ भारतीय रिजर्व बैंक ने यह सुनिश्चित किया है कि बढ़ते वैश्वीकरण के दौर में भारत की वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी रहे ताकि वह किसी भी प्रतिकूल अंतरराष्ट्रीय रुझान का सामना कर सके।’
उन्होंने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय समावेशन के लिए नियामक ढांचे को सक्षम बनाकर और आगे बढ़ाते हुए पीएम जन धन योजना में मदद की है। यह जानकार खुशी होती है कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बड़ी संख्या में महिला खाताधारक हैं। सब तक वित्तीय पहुंच को साकार करने और हर नागरिक तक औपचारिक रूप से बैंकिंग की पहुंच बनाने में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।’
मुर्मू ने डिजिटल भुगतान में भारत को वैश्विक अगुआ बनाने का श्रेय भारतीय रिजर्व बैंक को दिया। एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई) की बदौलत लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर बैंक खाते से धन का हस्तांतरण करते हैं और इसे वैश्विक स्तर पर अपनी तरह के सर्वाधिक लोकप्रिय मंचों में से एक माना जाता है। मुर्मू ने कहा कि रिजर्व बैंक ने मजबूत फिनटेक पारिस्थितिकीतंत्र को बढ़ावा दिया है और यूपीआई डिजिटल लेनदेन को न केवल सुचारु बल्कि सुरक्षित होना सुनिश्चित किया है।
मुर्मू ने कहा, ‘हम वित्तीय समावेश को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ग्राहक सेवाओं में निरंतर सुधार और उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास वित्तीय स्थिरता तथा दक्षता के हितों को संतुलित करके अपने नियामकीय ढांचे को अनुकूलतम बनाना होगा। हम प्रौद्योगिकी व नवाचार का समर्थन करना जारी रखेंगे। हम सतर्क और दूरदर्शी बने रहेंगे।’
इस अवसर पर आरबीआई की 90 वर्ष की यात्रा पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया गया।