भारत की अध्यक्षता में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन में कई महत्त्वपूर्ण समझौते के साथ दूरसंचार, बुनियादी ढांचा क्षेत्र और भारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी कई महत्त्वपूर्ण चर्चाएं हुईं। केंद्रीय संचार एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुरजीत दास गुप्ता को ईमेल से दिए साक्षात्कार में इन सभी महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। साक्षात्कार के प्रमुख अंश:
यह गलियारा बनने के बाद भारत और यूरोप के बीच माल की आवाजाही का समय वाकई कम हो जाएगा। यह भारतीय कंपनियों को क्रियान्वयन और अपनी महत्त्वाकांक्षी परियोजना के लिए तकनीक उपलब्ध कराने में मदद करेगा। इसमें कोई संदेह नहीं कि इस परियोजना को क्रियान्वित करने से पहले काफी काम किए जाने हैं और यह भी माना जा सकता है कि इसके लिए धन विभिन्न बहुपक्षीय एजेंसियों से आएगा।
सबसे पहले तो एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करनी होगी और गलियारे का संरेखीकरण तय करना होगा। इसके बाद इस गलियारे का हिस्सा बनने जा रहे देश एक दूसरे के साथ अलग से समझौते करेंगे और तकनीकी मानक तय करने होंगे। मसलन, रेल पटरी बिछाने में एकरूपता से जुड़े मानक तय करने होंगे।
इस समझौते का उद्देश्य 6जी के लिए एक साथ मिलकर विश्वसनीय टिकाऊ और सुरक्षित तकनीक का निर्माण करना है। इसका एक और उद्देश्य 6जी का मानक तय करने में आपसी भागीदारी सुनिश्चित करना है। इसके संबंध में कई दौर की बातचीत हो चुकी है। भारत की तरफ से गठबंधन का प्रतिनिधित्व शिक्षाविद, शोध संस्थान, उद्योग करेंगे और सरकार इसे सुचारु रूप से आगे बढ़ने का काम करेगी। अमेरिका में भी उद्योग एवं वैज्ञानिक संस्थाएं इस प्रक्रिया में शामिल होंगे।
समझौता ज्ञापन में भारत के 4जी एवं 5जी वर्चुलाइज्ड दूरसंचार के महत्त्व को स्वीकार किया गया है। अब यह ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। अमेरिका अब चीन की दूरसंचार कंपनियों की जगह दूसरे विश्वस्त देशों के उपकरणों का इस्तेमाल करने की नीति पर कम कर रहा है ताकि इसे सुरक्षित स्रोतों से दूरसंचार सेवाएं मिल सके। भारत इसे अपने लिए एक अवसर के रूप में देख रहा है और इस संबंध में अमेरिका से लगातार बातचीत कर रहा है। इस समझौते से भारत के लिए बड़े अवसर खुल गए हैं।
यह भारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में प्रगति को संज्ञान में लिया गया है। इस बात पर भी चर्चा की गई है कि इसका दुनिया के विकसित एवं विकासशील देशों के लिए क्या महत्त्व होगा। इसका मकसद एक दूसरे के साथ पूरे सामंजस्य के साथ विकास को बढ़ावा देना और एक साझा ढांचा तैयार करना होगा। इससे जुड़ी और जानकारियां और धन प्रबंधन से जुड़ी बातें चर्चाओं के बाद सामने आएंगी।