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आरआरपी डिफेंस सीवाईजीआर के साथ मिलकर भारत में बनाएंगी एडवांस ड्रोन, एक्सपोर्ट करने की भी है तैयारी

मेक इन इंडिया पहल के तहत उन्नत ड्रोन का निर्माण किया जाएगा। नवी मुंबई में स्थित यह सुविधा अगली पीढ़ी के ड्रोन के उत्पादन में सहयोग करेगी।

Last Updated- July 17, 2025 | 7:31 PM IST
RRP Defence and CYGR

एयरोस्पेस और रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के मकसद से आरआरपी डिफेंस लिमिटेड अपनी समर्पित इकाई विमाननु लिमिटेड के माध्यम से भारत में उन्नत ड्रोन बनाने के लिए सीवाईजीआर (फ्रेंको-अमेरिकन) के साथ साझेदारी की घोषणा की है। इस साझेदारी का उद्देश्य, फ्रांसीसी-अमेरिकी तकनीक और भारतीय विनिर्माण क्षमता का लाभ उठाते हुए सामरिक, निगरानी और औद्योगिक उपयोग के लिए डिजाइन किए गए उन्नत ड्रोन सिस्टम तैयार करना है।

नवी मुंबई में बनाए जाएंगे ड्रोन

मेक इन इंडिया पहल के तहत उन्नत ड्रोन का निर्माण किया जाएगा। नवी मुंबई में स्थित यह सुविधा अगली पीढ़ी के ड्रोन के उत्पादन में सहयोग करेगी। फील्ड परिनियोजन के लिए हल्के और पोर्टेबल (हैंड-लॉन्च्ड फिक्स्ड विंग ड्रोन ), नजदीकी और आंतरिक निगरानी के लिए कॉम्पैक्ट प्लेटफ़ॉर्म (नैनो ड्रोन) और खुफिया निगरानी और टोही के लिए डिजाइन (आईएसआर ड्रोन) किए गए।

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भारत की जरूरत के हिसाब से तैयार होंगे ड्रोन

आरआरपी डिफेंस लिमिटेड के अध्यक्ष राजेंद्र चोडनकर ने कहा कि यह सहयोग भारत के यूएवी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक निर्णायक क्षण है। अपनी स्थानीय विनिर्माण क्षमता और क्षेत्रीय समझ को सीवाईजीआर की विश्वस्तरीय ड्रोन तकनीकों के साथ जोड़कर हम ऐसे सिस्टम बना रहे हैं जो भारत की अनूठी परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक गौरवपूर्ण कदम है।

सीवाईजीआर फ्रांस के निदेशक जॉर्ज एल ऐली ने कहा कि भारत हमारे लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और हम अपने अत्याधुनिक यूएवी प्लेटफ़ॉर्म को इस बढ़ते बाजार में लाने के लिए उत्साहित हैं। आरआरपी डिफेंस लिमिटेड के साथ इस सहयोग के माध्यम से हम न केवल तकनीक का हस्तांतरण कर रहे हैं, बल्कि भविष्य के लिए तैयार समाधानों का सह-विकास भी कर रहे हैं जो भारत के रक्षा और निगरानी परिदृश्य का समर्थन करते हैं।

भारत में बने ड्रोन का होगा निर्यात

वैश्विक सलाहकार डॉ. जैना ने यह भी बताया कि वे रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया के तहत वैश्विक निर्यात के लिए 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य का एक अनुबंध तत्काल समाप्त करेंगे। यह मात्रा हर साल सैकड़ों इकाइयों में होगी। आशय पत्र (एलओएल) भी जारी किया जा रहा है। रक्षा, मातृभूमि सुरक्षा और औद्योगिक ड्रोन समाधानों पर ध्यान केंद्रित फ्रांसीसी यूएवी तकनीक का निर्माण भारत में नवी मुंबई, महाराष्ट्र स्थित सुविधा में किया जाएगा।

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भारतीय सेना और रणनीतिक क्षेत्रों के लिए बढ़ी हुई क्षमता भारत के उच्च-कौशल रोजगार और एयरोस्पेस निर्यात में योगदान देगा। यह रणनीतिक साझेदारी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और स्वदेशी क्षमताओं द्वारा समर्थित, एक वैश्विक ड्रोन केंद्र के रूप में भारत के उदय को रेखांकित करती है।

First Published - July 17, 2025 | 7:31 PM IST

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