रत्न एवं आभूषण उद्योग का प्रमुख कंपनी मालाबार गोल्ड अपने राष्ट्रीय छात्रवृति कार्यक्रम के तहत इस साल देशभर में 21 हजार से अधिक छात्राओं को उनकी पढ़ाई के लिए आर्थिक सहयोग करेगा। समूह इसके लिए 16 करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा की है। मालाबार समूह अपनी स्थापना के 25 साल पूरे करने पर यह घोषणा की। इस मौके पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।
मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स की मूल कंपनी मालाबार ग्रुप ने भारत डायमंड बोर्स में आयोजित एक कार्यक्रम में 2024 के लिए अपने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम की घोषणा की। मालाबार समूह के अध्यक्ष एमपी अहमद ने कहा कि शिक्षा दुनिया को बदलने का सबसे शक्तिशाली साधन है। हमारा छात्रवृत्ति कार्यक्रम मालाबार समूह की गहरी जड़ें जमाने वाली इस धारणा का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब है कि शिक्षा अवसरों को खोलती है और जीवन को बदल देती है। हम युवा लड़कियों के लिए बाधाओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि वे अपनी शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा कर सकें और समाज में सार्थक योगदान दे सकें।
पीयूष गोयल ने कहा कि मेरा प्रस्ताव है कि जैसे-जैसे आप शिक्षा का समर्थन करना जारी रखेंगे, वैसे-वैसे एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर विचार करें जिसमें आपकी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप व्यावसायिक प्रशिक्षण शामिल हो। इससे एक कुशल प्रतिभा पूल तैयार होगा जो आपके विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। यदि रत्न और आभूषण क्षेत्र सामूहिक रूप से उतनी ही बालिकाओं की शिक्षा की जिम्मेदारी ले , जितनी वे रोजगार देते हैं, तो एक उल्लेखनीय परिवर्तन प्राप्त कर सकते हैं। हम विकसित भारत 2027 को एक वास्तविकता बना सकते हैं ।
कंपनी अधिकारियों के मुताबिक भारत सरकार ने हाल ही सोने पर आयात शुल्क 15 फीसदी घटाकर केवल 6 फीसदी कर दिया। जिसके कारण कंपनी के कारोबार और मुनाफे में में बढ़ोतरी हुई है। मुनाफे बढ़ने की वजह से कंपनी ने अपने सीएसआर फंड में भी बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। कंपनी अपने सामाजिक योगदान में पांच फीसदी आवंटित करेगा जो इस साल करीब 100 करोड़ रुपये होगा।
इस समय कंपनी के दुनिया भर में 365 आउटलेट है जिसमें लगभग 140 विदेशी आउटलेट शामिल हैं। 2007 में शुरू किया गया मालाबार राष्ट्रीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम में अभी तक कंपनी 60 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान कर चुकी है जिससे पूरे भारत में 95,000 से अधिक छात्राओं को वित्तीय सहायता मिली है। इसके अलावा मालाबार समूह भारत के 16 राज्यों के 80 शहरों में प्रतिदिन 50,000 भोजन के पैकेट वितरित करने का दावा करता है।