मुंबई में प्रस्तावित तीसरे सी लिंक परियोजना वर्सोवा विरार (Versova-Virar Sea Link Project) जिसको हाल ही महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में बढ़ाकर पालघर तक कर दिया है। करीब 40 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना के अब जल्द शुरु होने की उम्मीद बढ़ गई है।
जापान ने इस परियोजना को पूरा करने में हर तरह से सहयोग करने का आश्वासन दिया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के जापान दौरे पर जापान सरकार ने वर्सोवा-विरार सी लिंक परियोजना में सहयोग करने का भरोसा दिया।
उपमुख्यमंत्री कार्यालय से दी गई जानकारी में कहा गया कि जापान के केंद्रीय अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्री यासुतोशी निशिमुरा के साथ हुई मुलाकात कभी साकारत्मक रही है। जापान सरकार की ओर से वर्सोवा-विरार सी लिंक के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। यासुतोशी निशिमुरा ने कहा कि जापान जी-7 का नेतृत्व कर रहा है और भारत जी-20 का नेतृत्व कर रहा है। इसलिए ये दोनों देश वैश्विक स्तर पर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। जापानी सरकार लगातार नए नवाचारों को बढ़ावा दे रही है और एमएसएमई को समर्थन दे रही है। वर्सोवा-विरार समुद्री लिंक के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
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जापान के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार मासाफुमी मोरी ने आश्वासन दिया कि वर्सोवा-विरार सी लिंक परियोजना फिलहाल आर्थिक मामलों के मंत्रालय के पास है और मंजूरी मिलते ही जापान इसमें सहयोग करेगा। वह प्रधानमंत्री को मुंबई बाढ़ प्रबंधन परियोजना और महाराष्ट्र में अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बारे में सूचित करेंगे।
जापानी निवेशकों से मुलाकात के दौरान उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि महाराष्ट्र उद्योगों का पावरहाउस है। लगभग 750 जापानी कंपनियां महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र में सिंगल विंडो अनुमति प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। बुलेट ट्रेन को लेकर सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं और काम काफी तेजी से चल रहा है। मेट्रो-3 के सभी लंबित मुद्दे अब साफ हो गए हैं और इसका काम भी अंतिम चरण में है। वर्सोवा-विरार सी लिंक परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है और राज्य सरकार ने बंदरगाह कनेक्टिविटी को सुविधाजनक बनाने पर भी अधिक ध्यान केंद्रित किया है।
मुंबई का तीसरा सी लिंक
महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) वर्ष के अंत तक मुंबई के तीसरे सी लिंक का निर्माण कार्य आरंभ करने की योजना पर काम कर रही है। वर्सोवा से पालघर तक बनने वाला सी लिंक मुंबई का तीसरा लिंक होगा। जिसका निर्माण दो फेज में किया जाना है। फेज-1 में वर्सोवा से वसई और फेज-2 में वसई से विरार तक की योजना थी, जिसे अब बढ़ाकर पालघर तक कर दिया जाएगा। निर्माण कार्य शुरू होने में देरी के कारण इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 32 हजार करोड़ रुपए से बढ़ कर करीब 40 हजार करोड़ रुपए तक हो गई है।
सफर होगा आसान
वर्सोवा-विरार सी लिंक प्रॉजेक्ट की कुल लंबाई 96 किमी. है। इसमें से 43 किमी. की निर्माण समुद्र पर होगा, जबकि 53 किमी. का निर्माण जमीन पर होगा। मुंबई का पहला सी लिंक 2010 में बांद्रा से वर्ली के बीच बनाया गया है। वहीं, बांद्रा से वर्सोवा के बीच दूसरे सी लिंक (17 किमी.) का निर्माण कार्य जारी है। 8 लेन वाले सी लिंक के निर्माण पर 11 हजार 332 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार की योजना तीनों सी लिंक को एक-दूसरे से जोड़ने की है। मौजूदा समय में विरार से दक्षिण मुंबई तक पहुंचने में लगभग ढाई घंटे का समय लगता है। सी लिंक के बन जाने से यात्रा की अवधि तो घटेगी, साथ ही सफर भी आसान हो जाएगा।
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