महाराष्ट्र में निवेश के लिए बिना किसी बाधा के सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य के सभी क्षेत्रों में निवेश हो सके, इसके लिए एक सक्षम इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। इसलिए आने वाले पांच वर्षों में राज्य के सभी भागों का संतुलित विकास स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया किया कि राज्य सरकार द्वारा किए गए 85 फीसदी सामंजस्य करार कार्यान्वयन की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं।
मुंबई में आयोजित इंडिया ग्लोबल फोरम – नेक्स्ट 25 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में नए निवेश अवसर निर्मित किए जा रहे हैं, साथ ही वैश्विक सप्लाई चेन को सपोर्ट करने वाली सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में भी महाराष्ट्र देश में अग्रणी है। राज्य में पहले से ही कई प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां मौजूद हैं। उद्योगों को आवश्यक कुशल मानव बल प्रदान करने के लिए एक कौशल विश्वविद्यालय काम कर रहा है, जिससे राज्य में कौशल की कोई कमी नहीं रहेगी। इसके अलावा, राज्य सरकार का ध्यान हरित (ग्रीन) और स्मार्ट प्रौद्योगिकियों पर आधारित उद्योगों पर भी है।
मुंबई महानगर क्षेत्र का महाराष्ट्र को 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में बड़ा योगदान रहेगा। अकेले एमएमआर में 1.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था खड़ी करने की क्षमता है, इसलिए इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुंबई महानगर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किए गए 4 लाख 7 हजार करोड़ रुपये के समझौता करार हुए। जिनमें एमएमआरडीए और हुडको के बीच 1.5 लाख करोड़ रुपये, आरईसी के साथ 1 लाख करोड़, पीएफसी के साथ 1 लाख करोड़, आईआरएफसी के साथ 1 लाख करोड़ का करार और नैबफिड के साथ 7,000 करोड़ रुपये का करार हुए हैं। यूनिलीवर की मैग्नम आइसक्रीम व्यावसायिक इकाई के साथ पुणे में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) की स्थापना के लिए 900 करोड़ रुपये का निवेश करेगा जिससे 500 नौकरियां उत्पन्न होंगी।
मुंबई को फिनटेक कैपिटल कहा जाता है और नवी मुंबई में तीसरी मुंबई विकसित की जा रही है। वहां एज्युसिटी और इनोवेशन सिटी बनाई जा रही है। एज्युसिटी में दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी आने को इच्छुक है, और 5 यूनिवर्सिटी अंतिम चरण में हैं। इसके अलावा, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जल्द शुरू होने वाला है, और अटल सेतु (मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक) के माध्यम से हवाई अड्डे तक कनेक्टिविटी भी बेहतर हुई है। देश का सबसे बड़ा बंदरगाह वाढवण में विकसित किया जा रहा है। इसे समृद्धि महामार्ग से जोड़ा जाएगा, जिससे इस क्षेत्र में चौथी मुंबई के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ेंगे।
एमएमआर के साथ-साथ राज्य के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है । पुणे में ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा मिल रहा है। छत्रपति संभाजीनगर में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग हब के रूप में उभर रहा है। गडचिरोली भारत के नए स्टील हब के रूप में विकसित हो रहा है। विदर्भ क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन का विस्तार हो रहा है। समृद्धि महामार्ग से 15 जिलों के किसानों और उद्यमियों को लाभ मिलेगा। प्रस्तावित शक्तिपीठ मार्ग से मराठवाड़ा को बढ़ावा मिलेगा। शिर्डी, पुणे और नागपुर में हवाई अड्डों का निर्माण कार्य जारी है। राज्य को सूखा-मुक्त बनाने के लिए लगभग 3 लाख करोड़ रुपये के चार नदी जोड़ परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। इसके अलावा विदर्भ में नहर प्रणाली के माध्यम से सिंचाई के लिए प्रोजेक्ट भी तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए 85 फीसदी सामंजस्य करार पहले ही कार्यान्वयन की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं, और बचे हुए 15 फीसदी एमओयू के लिए सरकार विशेष ध्यान दे रही है। जल्द ही वे भी मूर्त रूप लेंगे। राज्य सरकार भूमि आवंटन, परवाने (लाइसेंस) तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं देने का कार्य तीव्रता से कर रही है, ताकि उद्योगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।