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महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, कैबिनेट की बैठक में छठे राज्य वित्त आयोग की स्थापना को मंजूरी

छठा राज्य वित्त आयोग पंचायतों और नगर पालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा।

Last Updated- February 18, 2025 | 8:24 PM IST
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मंगलवार को हुई महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में छठे राज्य वित्त आयोग के गठन को मंजूरी दी गई। यह आयोग एक अप्रैल 2026 से 31 मार्च, 2031 तक पांच वर्ष की अवधि के लिए सिफारिशें करेगा। आयोग को इन सिफारिशों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 31 दिसंबर 2025 तक का समय मिलेगा। छठा राज्य वित्त आयोग पंचायतों और नगर पालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट बैठक हुई। कैबिनेट ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में छठे वित्त आयोग की स्थापना करने की मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री अजित पवार ने यह प्रस्ताव राज्य कैबिनेट के सामने पेश किया, जिसे सर्व समिति से पास कर दिया गया। वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि हमारे लिए जनता सबसे ऊपर है। जनहित को सर्वोपरि रखने वाली हमारी सरकार द्वारा आज की कैबिनेट बैठक में लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। छठे राज्य वित्त आयोग की स्थापना को मंजूरी दी गई।

बैठक में मुख्यमंत्री को आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के नामों की सिफारिश राज्यपाल को करने का अधिकार देने को भी मंजूरी दी गई। भारतीय प्रशासनिक सेवा के कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड अधिकारी या समकक्ष रैंक के अधिकारी को आयोग के सदस्य सचिव के पद पर नियुक्त किया जाएगा। बैठक में आयोग के कार्यकाल के दौरान आवश्यक पदों का सृजन करने, आवश्यक कार्यालय के लिए पर्याप्त बजटीय प्रावधान करने तथा आयोग के कार्य को अधिक प्रभावी ढंग से चलाने के लिए आवर्ती एवं अनावर्ती व्यय को मंजूरी दी गई।

छठा राज्य वित्त आयोग पंचायतों और नगर पालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा। संविधान के भाग IX और IX-A के अंतर्गत पंचायतों और नगरपालिकाओं के बीच वितरित किए जाने वाले शुद्ध राजस्व को राज्य द्वारा एकत्रित किए जाने वाले करों, शुल्कों, पथकरों और फीसों से विभाजित करना तथा सभी स्तरों पर पंचायतों और नगरपालिकाओं के बीच ऐसे राजस्व का अपना-अपना हिस्सा आवंटित करना ।

करों, शुल्कों, पथकरों और फीस का निर्धारण करने जैसे पंचायतों के मामले नगर पालिकाओं को ट्रांसफर किया जाना है, या जिन्हें पंचायतों या नगर पालिकाओं द्वारा, जैसा भी मामला हो, विनियोजित किया जाना है। इसमें राज्य की संचित निधि से यथास्थिति, पंचायतों या नगरपालिकाओं को दिए जाने वाले सहायता अनुदान को नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों को अधिकथित करना। पंचायतों और नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए उपाय आवश्यक हैं।

आयोग को स्थानीय स्वशासन निकायों में निधि प्रबंधन के लिए अच्छे तरीकों को विकसित करना चाहिए। स्थानीय स्वशासन निकायों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए कुछ अन्य संबंधित मामलों पर सिफारिशें की जा सकती हैं। आयोग केन्द्रीय वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए सिफारिशें कर सकता है। इन विभिन्न मामलों पर सिफारिशें करते समय, करों, शुल्कों और सब्सिडी के हिस्से के निर्धारण के लिए जनसंख्या को आधार बनाया जाएगा। इसके लिए आयोग 2011 की जनगणना के जनसंख्या आंकड़ों पर विचार करेगा।

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल फैसला के महत्वपूर्ण फैसले

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को छठे राज्य वित्त आयोग की स्थापना को मंजूरी के साथ ही कई निर्णय लिये। महाराष्ट्र सरकार ने मादक पदार्थ संबंधी अपराधों से निपटने के लिए 2023 में एएनटीएफ के गठन की घोषणा की थी और इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए 346 नए पद सृजित किए जाएंगे। मंत्रिमंडल ने सांगली जिले में म्हैसल ‘लिफ्ट’ सिंचाई योजना की ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने के लिए 1,594 करोड़ रुपये की सौर ऊर्जा परियोजना को भी मंजूरी दी है। इस परियोजना से सूखाग्रस्त क्षेत्रों में 1,08,197 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी।

राज्य सरकार ने कनेक्टिविटी में सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य भर में रोपवे परियोजनाओं के लिए नेशनल हाइवेज लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) को जमीन उपलब्ध कराने का फैसला किया है। मंत्रिमंडल ने जलगांव जिले के चालीसगांव तालुका में वरखेड़े लोंधे (बैराज) मध्यम परियोजना के लिए 1,275.78 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस परियोजना का उद्देश्य चालीसगांव और भड़गांव तालुका में 8,290 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा प्रदान करना है।

First Published - February 18, 2025 | 8:15 PM IST

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