Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के ऐलान की घड़ी नजदीक है। ऐसे में सत्ता पर काबिज महायुति यानी एनडीए की तरफ से जहां ताबड़तोड़ फैसले लिए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष घेरेबंदी में जुटा है।
प्रदेश भाजपा (BJP) ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रबंधन समिति की घोषणा की। समिति की घोषणा होते ही पार्टी नेताओं की नाराजगी सामने आई है। भाजपा ने प्रबंधन समिति में पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने समिति में शामिल होने से इंकार कर दिया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सौंपी जा रही जिम्मेदारी को लेने से इनकार करने के बाद सोमैया ने कहा कि वह पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे हैं और उन्हें किसी भी पद का लालच नहीं है।
सोमैया ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के साथ संचार प्रमुख पद की जिम्मेदारी लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनसे पहले परामर्श किया जाना चाहिए था। सोमैया ने कहा कि मुझे किसी पद का लालच नहीं है। बावनकुले और फडणवीस जानते हैं कि मैं कैसे पार्टी के लिए काम कर रहा हूं । मैं एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा हूं। मैंने साबित कर दिया है कि पार्टी में एक आम कार्यकर्ता का महत्व फडणवीस और बावनकुले से ज्यादा होना चाहिए।
अविभाजित शिवसेना और भाजपा के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में हुई घटना को याद करते हुए ( जिसमें दोनों दलों ने 2019 का विधानसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ने की घोषणा की थी) सोमैया ने कहा कि संवाददाता सम्मेलन से पहले उद्धव ठाकरे ने अमित शाह से कहा कि अगर मैं इसमें शामिल होता हूं, तो वह इसमें शामिल नहीं होंगे।
इसके बाद फडणवीस ने मुझसे संवाददाता सम्मेलन शुरू होने से पहले ही वहां से चले जाने को कहा। उस दिन से मैं एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा हूं, लेकिन मैंने अपनी मेहनत दोगुनी कर दी है।
सोमैया के पद लेने से इनकार करने पर बावनकुले ने कहा कि भाजपा में यह नियम है कि हम किसी से पूछते नहीं हैं, जिम्मेदारी सौंप देते हैं। पार्टी ने मुझसे इस बारे में चर्चा नहीं की कि मैं प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहता हूं या नहीं। मुझे सीधे प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया ।
महाराष्ट्र को लेकर आए आ रहे चुनावी सर्वे भाजपा के लिए खुशनुमा नहीं है जिसकी वजह पार्टी और सहयोगी दलों में व्याप्त अंतर्कलह को बताया जा रहा है।
2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा लगातार दूसरी बार सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। पार्टी ने 100 का आंकड़ा पार करते हुए 105 सीटें जीती थीं। दूसरे नंबर पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (56) रही थी। इसके बाद विपक्ष में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (54) तीसरे और कांग्रेस (44) सीटें जीतकर चौथे नंबर पर रही थी। लेकिन इस बार अभी तक जितने भी प्री पोल सर्वे आए हैं उनमें भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी तो बताया गया है लेकिन सीटों की संख्या 100 के नीचे जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
भाजपा (BJP) को लोकससभा चुनावों में 1.66 फीसदी वोटों का नुकसान हुआ था। पार्टी ने 14 सीटें जरूर गंवाई थी लेकिन उसे फिर भी व्यक्तिगत तौर पर 26.18 फीसदी वोट मिले थे। इस मामले में दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी रही थी। उसे 16.92 फीसदी वोट मिले थे। 2019 विधानसभा चुनावों में बीजेपी को जब 105 सीटें मिली थीं तो उसे 25.75 फीसदी वोट हासिल हुए थे।
लोकसभा में कांग्रेस के पास कुल 13 सांसद हैं, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना और भाजपा के पास 9-9 सांसद हैं। शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के पास 8 और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के पास सात सांसद हैं। अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के पास एक सांसद है। सांगली से निर्दलीय जीत विशाल पाटिल भी कांग्रेस के साथ हैं।