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बेमौसम बारिश से किसानों की बढ़ गई परेशानी, बुरी तरह प्रभावित हुई रबी फसलें

महाराष्ट्र के 11 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का कहर बरपा है। जिससे ज्वार, गेहूं, आम, संतरे, केले और रबी की बुरी तरह प्रभावित फसलें 50,000 हेक्टेयर भूमि पर फैली हुई हैं।

Last Updated- April 12, 2024 | 8:06 PM IST
Farmer

फसल उपज का उचित दाम नहीं मिलने से परेशान किसानों की बेमौसम बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की तैयार फसल बर्बाद हो गई है। मौसम विभाग ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की आगे भी संभावना जताई है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि प्रशासन की तरफ से किसानों को हर संभव मदद करने का वादा किया गया है।

महाराष्ट्र के 11 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का कहर बरपा

दो दिन पहले महाराष्ट्र के कई जिलों में बेमौसम बारिश हुई तो बुधवार को रात में कई हिस्सों में तेज हवा के साथ ओलावृष्टि ने तैयार फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य के 11 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का कहर बरपा है। जिससे ज्वार, गेहूं, आम, संतरे, केले और रबी की बुरी तरह प्रभावित फसलें 50,000 हेक्टेयर भूमि पर फैली हुई हैं। महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास विभाग ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है।

नुकसान हुए फसलों का आकलन करा कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया- कृषि मंत्री धनंजय मुंडे

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि जिला प्रशासन को नुकसान हुए फसलों का आकलन करा कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। हालांकि चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से  किसानों को तत्काल किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान करना मुश्किल है। फिर हम किसानों को हर मुमकिन सहायता देने की कोशिश कर रहे हैं।

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विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

चुनावी सीजन में विपक्ष किसानों की फसल बर्बाद होने और समय पर सहायता न देना का मुद्दा बनाकर सरकार पर निशाना साधा है। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों की फसलों को हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए हर मुमकिन आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।

किसानों का कहना है कि बारिश के कारण सबसे ज्यादा नींबू के पेड़ों और आम के बागों का नुकसान हुआ है। तूफानी बारिश के साथ ओलावृष्टि रबी सीजन की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा गई। सरकार को तत्काल सर्वे कराकर सहायता देनी चाहिए।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक अकेले अमरावती जिले में 40,000 हेक्टेयर में फैले संतरे, आम, केले, नींबू, प्याज सहित रबी फसलों और फलों को गंभीर नुकसान हुआ। निकटवर्ती अकोला में 74 गांवों में 4,060 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैली फसलें प्रभावित हुईं। बुलढाणा में 100 गांवों की 3,500 हेक्टेयर में फैली फसलें प्रभावित हुईं।

मध्य प्रदेश में भी फसलों को हुआ नुकसान

मध्य प्रदेश के अलग अलग जिलों में बेमौसम बारिश और ओले गिरने से फसलों को नुकसान हुआ है। राज्य के इंदौर, उज्जैन, शहडोल, सागर, भोपाल, जबलपुर संभागों के अनेक जिलों में तो नर्मदापुरम के सभी जिलों में बारिश हुई। मौसम में अचानक से आए बदलाव के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि जहां भी गेहूं खरीदने का काम किया जा रहा है, वहां फसल को सुरक्षित रखने के उचित इंतजाम हो, ताकि बेमौसम हो रही बारिश के नुकसान से बचा जा सके।

First Published - April 12, 2024 | 8:06 PM IST

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