सोमवार की सुबह भीड़भाड़ वाली मुंबई लोकल ट्रेन में चलती ट्रेन के दरवाजे से लटके करीब 13 यात्री पटरियों पर गिर गए, जिससे कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इसके बाद रेलवे ने मुंबई लोकल ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे लगाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
यह घटना उपनगरीय नेटवर्क के मुंब्रा और दिवा स्टेशनों के बीच सुबह करीब 9:30 बजे हुई। सेंट्रल रेलवे के आधिकारिक अनुमान के अनुसार चार लोगों की मौत हुई है। रिपोर्ट के अनुसार हताहतों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है।
सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) स्वप्निल नीला के अनुसार, दुर्घटना का शायद एक कारण विपरीत दिशाओं से आ रही दो ट्रेनों के फुटबोर्ड से लटके यात्री एक-दूसरे से टकराना है। नीला ने अपनी रिपोर्ट एक यात्री के बयान के आधार पर दी। उन्होंने कहा, ‘13 घायलों में से चार की मौत हो गई और चार का इलाज किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने सभी मौजूदा रेकों को फिर से तैयार करने का फैसला किया है, जिसके परिणामस्वरूप ऐसी घटनाओं की आशंका कम हो जाएगी। सभी नए रेक स्वचालित दरवाजा बंद करने की प्रणाली के साथ एसी रेक होंगे। हमने सभी यात्रियों से फुटबोर्ड पर यात्रा करने से बचने का अनुरोध किया है।’
सोमवार को मंत्रालय ने इस पर चर्चा की। मंत्रालय ने संवाददाताओं को बताया, ‘मुंबई में आज (सोमवार) हुई दुखद घटना के मद्देनजर, रेल मंत्री और रेल बोर्ड के अधिकारियों ने इंटीग्रल कोच फैक्टरी की टीम के साथ विस्तृत बैठक की। इसका उद्देश्य मुंबई में लोकल नॉन एसी ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे बंद होने की समस्या का व्यावहारिक समाधान निकालना था। नॉन एसी ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे बंद होने की सबसे बड़ी समस्या कम वेंटिलेशन के कारण दम घुटना है।’
चर्चा के बाद, मंत्रालय ने फैसला किया कि नई नॉन-एसी ट्रेनें डिजाइन और निर्मित की जाएंगी और तीसरा, कोच में वेस्टिबुल होंगे ताकि यात्री एक कोच से दूसरे कोच में जा सकें और भीड़ को स्वाभाविक तरीके से संतुलित कर सकें।
मंत्रालय के नोट में कहा गया है, ‘इस नए डिजाइन की पहली ट्रेन नवंबर 2025 तक तैयार हो जाएगी। आवश्यक परीक्षण और प्रमाणन के बाद, इसे जनवरी 2026 तक सेवा में डाल दिया जाएगा। यह मुंबई उपनगरीय सेवाओं के लिए निर्मित की जा रही 238 एसी ट्रेनों के अतिरिक्त है।’
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि रेलवे प्रशासन घटना के कारण की जांच कर रहा है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि पीड़ितों और उनके परिवारों की सहायता के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि यह घटना उपनगरीय रेलवे प्रणाली में भीड़भाड़ और यात्री सुरक्षा पर गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। मृतकों की पहचान केतन सरोज, राहुल गुप्ता, मयूर शाह और ठाणे राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) कांस्टेबल विकी मुखीयाद के रूप में हुई है। रेलवे के राजस्व में महत्त्वपूर्ण योगदान के बावजूद मुंबई के यात्रियों के लिए अपर्याप्त सुविधाओं के सवाल पर शिंदे ने कहा, ‘रेलवे की एक उच्चस्तरीय समिति मामले की जांच करेगी। सच्चाई सामने आएगी और अगर कोई दोषी पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘जब मोदी सरकार 11 साल की ‘सेवा’ का जश्न मना रही है, तब देश की हकीकत मुंबई से आ रही दर्दनाक खबर में दिखती है, ट्रेन से गिरकर कई लोगों की मौत।’ उन्होंने कहा कि भारतीय रेल करोड़ों की जिंदगी की रीढ़ है, लेकिन आज यह असुरक्षा, भीड़ और अव्यवस्था की प्रतीक बन चुकी है। राहुल ने कहा, ‘मोदी सरकार के 11 साल में न जवाबदेही, न बदलाव, सिर्फ प्रचार हुआ है। सरकार 2025 पर बात करना छोड़ कर, अब 2047 के सपने बेच रही है। देश आज क्या झेल रहा है, यह कौन देखेगा?’
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मध्य रेलवे को भीड़भाड़ के मद्देनजर लोकल ट्रेन में स्वचालित दरवाजे लगाने जैसे उपाय लागू करने चाहिए। पवार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘मध्य रेलवे को महत्त्वपूर्ण मार्गों पर लोकल ट्रेन की संख्या बढ़ानी चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय तुरंत लागू किए जाने चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह सर्वविदित है कि लोकल ट्रेन में बढ़ती भीड़ इसका मुख्य कारण है। ऐसी दुर्घटनाओं के बाद यात्रियों को उनकी मौत के लिए दोषी ठहराना सही नहीं है।’
शिवसेना (उद्धव) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘रेलवे को अपनी योजनाओं के बारे में चुप रहना चाहिए क्योंकि मुंबई लोकल ट्रेन के मामले में उनमें से कोई भी योजना अभी तक पूरी नहीं हुई है।’ चतुर्वेदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘ये भीड़भाड़ से मौतें नहीं हुई हैं, बल्कि एक उदासीन ‘रील’ मंत्री और महाराष्ट्र सरकार द्वारा की गई हत्याएं हैं।’ (साथ में एजेंसियां)