मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में शराब की खपत को हतोत्साहित करने के लिए आबकारी नीति में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तनों की घोषणा की है। रविवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया कि प्रदेश में शराब के सभी अहाते और शॉप बार बंद किए जाएंगे। इस व्यवस्था के तहत शराब दुकानों के बगल में बैठकर शराब पीने की व्यवस्था थी जिसे अब समाप्त किया जाएगा। इतना ही नहीं पहले जहां बालिका छात्रावास, शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों के 50 मीटर के दायरे में शराब की दुकान नहीं होती थी वहीं अब इस दायरे को बढ़ाकर 100 मीटर कर दिया गया है। शराब पीकर वाहन चलाने वालों के लिए दंड भी पहले से अधिक सख्त करने की बात कही गई है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में 2010 से शराब की कोई भी नई दुकान नहीं खोली गई है लेकिन अहातों में शराब पिलाए जाने के कारण कानून व्यवस्था की दिक्कतों का जिक्र बार-बार सामने आता रहा है। प्रदेश में 2,500 से अधिक अहाते हैं जहां लोग बैठकर शराब पी सकते हैं।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में शराब पीने को हतोत्साहित करने के लिए ये निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का प्रभाव साफ देखा जा सकता है। भारती पिछले काफी समय से प्रदेश में शराबबंदी को लेकर अभियान चला रही हैं। वह राजधानी भोपाल में शराब की एक दुकान पर पत्थर तो ओरछा में एक दुकान पर गोबर फेंक चुकी हैं। प्रदेश में इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं ऐसे में सरकार शायद कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है।