छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐलान किया है कि अब राज्यभर में दुकानें, पार्लर, कैफे और रेस्टोरेंट 24 घंटे खुले रह सकेंगे। मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य व्यापारिक विकास को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर पैदा करना और शहरी बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाना बताया है।
हालांकि, शराब की दुकानें पहले की तरह रात 10 बजे तक ही बंद करनी होंगी। इसके अलावा, राज्य सरकार ने महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति भी दे दी है।
कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने इस फैसले की घोषणा करते हुए बताया कि अब छत्तीसगढ़ में दुकानें 24 घंटे खुली रह सकेंगी और महिला कर्मचारी भी नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी।
पहले व्यवसायों को हर हफ्ते एक दिन बंद रखना अनिवार्य था, लेकिन अब व्यापारी अपने अनुसार कामकाज के घंटे तय कर सकते हैं। हालांकि, सरकार ने सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों के अधिकार सुरक्षित रहें। कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश मिलेगा और किसी भी कर्मचारी से आठ घंटे से ज्यादा काम नहीं करवाया जा सकेगा। इसके अलावा, सभी दुकानदारों को श्रमिक कल्याण नीतियों का पालन करना अनिवार्य होगा ताकि कर्मचारियों के हित सुरक्षित रहें।
नई व्यवस्था के तहत दुकान पंजीकरण प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है। पहले से ही कर्मचारी राज्य बीमा और भविष्य निधि योजनाओं में पंजीकृत व्यवसायों को स्वतः नई व्यवस्था में शामिल कर लिया जाएगा। हालांकि, उन्हें छह महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या प्राप्त करनी होगी। इस अवधि के बाद आवेदन करने पर सरकारी नियमों के अनुसार शुल्क देना होगा।
पहले 24 घंटे संचालन की सुविधा केवल शहरी नगर निगम क्षेत्रों तक सीमित थी, लेकिन अब यह नीति उन छोटे व्यवसायों को भी लाभ देगी जो कम से कम 10 कर्मचारियों को रोजगार देते हैं। इसके अलावा, नियमों के उल्लंघन पर दंड बढ़ा दिया गया है, लेकिन व्यवसायी लंबे कानूनी मामलों से बचने के लिए समायोजन (compounding) का विकल्प चुन सकते हैं।
सरकार द्वारा 13 फरवरी को जारी अधिसूचना के अनुसार, अब दुकान और प्रतिष्ठान पंजीकरण नगर निकायों के बजाय श्रम विभाग के अधीन रहेगा। पंजीकरण शुल्क को संशोधित कर कर्मचारियों की संख्या के आधार पर ₹1,000 से ₹10,000 के बीच कर दिया गया है, जबकि पहले यह ₹100 से ₹250 तक था।
हालांकि, इस फैसले से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, लेकिन सार्वजनिक परिवहन और सुरक्षा को लेकर चिंताएं उठ रही हैं। वर्तमान में रायपुर में सिटी बस सेवा केवल रात 7:30 बजे तक ही संचालित होती है, जिससे कई महिला कर्मचारियों को रात में आने-जाने की समस्या हो सकती है।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, Matter of Design में इंटीरियर डिजाइनर अदिति काले ने कहा कि छत्तीसगढ़ में देर रात यात्रा करना असुरक्षित लगता है क्योंकि सार्वजनिक परिवहन सीमित है और सड़कों पर सन्नाटा रहता है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार मजबूत सुरक्षा उपाय लागू करेगी या महिलाओं को खुद ही इन जोखिमों का सामना करना पड़ेगा?