मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले का Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary चीतों का नया आशियाना बन गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को दो नर चीतों पावक और प्रभाष को अभयारण्य में छोड़ा। दोनों चीतों को कूनो नेशनल पार्क से गांधी सागर अभयारण्य लाया गया है। छह-छह वर्ष के इन दोनों चीतों को फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया गया था। इस वर्ष मई में बोत्सवाना से चार चीते लाने की योजना है। हालांकि वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया है।
चीतों को अभयारण्य में छोड़ते समय मुख्यमंत्री यादव ने कहा, ‘दोनों चीतों को गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ना एक महत्वपूर्ण कदम है। चीता प्रोजेक्ट प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है जिसका लक्ष्य देश में चीतों की आबादी बढ़ाना और उनकी प्रजाति को संरक्षित करना है। कूनो के बाद गांधी सागर अभ्यारण्य न केवल प्रदेश बल्कि देश में दूसरी जगह है जहां चीतों को बसाया जा रहा है। वन्यजीव पर्यटन की दृष्टि से भी यह एक ऐतिहासिक क्षण है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के अलावा केन्या और बोत्सवाना से भी मध्य प्रदेश में चीते लाए जा रहे हैं। हालांकि वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है।
वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका के साथ हुए अनुबंध के मुताबिक वहां से 10 सालों तक हर वर्ष 10 चीते भेजे जाने थे। परंतु वह अनुबंध नाकाम होने के बाद अब बोत्सवाना से चीते लाने की बात की जा रही है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) का प्रोटोकॉल कहता है कि अगर किसी क्षेत्र में वन्यजीवों का पुनर्वास किया जा रहा है तो वहां दो उप प्रजातियों (सबस्पेशीज) को एक साथ नहीं रखा जा सकता है। सरकार इसका उल्लंघन कर रही है। दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना के चीते अलग-अलग उप प्रजातियों के हैं। हम इसके विरुद्ध न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।’
प्रदेश में मई तक बोत्सवाना और केन्या से आठ और चीते लाने की योजना है। फिलहाल कूनो नेशनल पार्क में 26 चीते हैं। गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को बसाने के लिए 8,900 हेक्टेयर का विशेष क्षेत्र तैयार किया गया है। गांधी सागर वन्य क्षेत्र में बड़ी संख्या में चीतल, चिंकारा और नीलगाय मौजूद हैं जिससे चीतों को भोजन की कोई कमी नहीं होगी। वन विभाग ने गांधी सागर अभयारण्य में 16 किलोमीटर का एक खास इलाका चिह्नित किया है जहां चीतों को रखा जाएगा।