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Space में ISRO की सेंचुरी! श्रीहरिकोटा में उल्टी गिनती शुरू; जानिए 100वें मिशन में क्या है खास?

NVS-02 सेटेलाइंट, जिसे यूआर सेटेलाइट सेंटर द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, लगभग 2,250 किलोग्राम वजनी है।

Last Updated- January 28, 2025 | 1:45 PM IST
ISRO's century in space! Countdown begins in Sriharikota; Know what is special in the 100th mission? Space में ISRO की सेंचुरी! श्रीहरिकोटा में उल्टी गिनती शुरू; जानिये 100वें मिशन में क्या है खास?
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भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (ISRO) स्पेस में सेंचुरी लगाने के लिए तैयार है। श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से ISRO के ऐतिहासिक 100वें मिशन यानी GSLV रॉकेट के जरिए नेविगेशन सैटेलाइट (Navigation satellite) की लॉन्चिंग  के लिए 27 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार को शुरू हो गई। यह मिशन इसलिए भी खास है क्योंकि इसरो के नए अध्यक्ष वी नारायणन (V Narayanan) के नेतृत्व में पहला मिशन होगा। उन्होंने 13 जनवरी को पदभार संभाला हैं।

ISRO के 100वें मिशन में क्या है खास?

स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ भू-समकालीन उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) अपनी 17वीं उड़ान में नेविगेशन सेटेलाइट NVS-02 को लेकर श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से 29 जनवरी को सुबह छह बजकर 23 मिनट पर प्रक्षेपित होगा। यह नेविगेशन सैटेलाइट ‘नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन’ (नाविक) सीरीज का दूसरा सेटेलाइट है, जिसका उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ भारतीय भूभाग से लगभग 1,500 किलोमीटर आगे के क्षेत्रों में यूजर्स को सटीक स्थिति, गति और समय की जानकारी प्रदान करना है।

समाचार एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 27.30 घंटे की उल्टी गिनती सोमवार देर रात दो बजकर 53 मिनट पर शुरू हुई।

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यूआर सैटेलाइट सेंटर ने डिजाइन और डेवलप किया NVS-02 सैटेलाइट

50.9 मीटर ऊंचा GSLV-F15 मिशन GSLV-F12 मिशन के बाद लॉन्च किया जा रहा है, जिसने 29 मई 2023 को पहले दूसरे पीढ़ी के सेटेलाइट  NVS-01 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित किया था।

NavIC में कुल पांच दूसरे पीढ़ी के सेटेलाइट  शामिल हैं– NVS-01, NVS-02, NVS-03, NVS-04 और NVS-05। ये सेटेलाइट NavIC बेस लेयर कांस्टेलेशन को एडवांस फीचर्स के साथ मजबूत बनाने और सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए तैयार किए गए हैं।

NVS-02 सेटेलाइंट, जिसे यूआर सेटेलाइट सेंटर द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, लगभग 2,250 किलोग्राम वजनी है। इसमें NVS-01 की तरह ही C-बैंड में रेंजिंग पेलोड के अलावा L1, L5 और S बैंड में नेविगेशन पेलोड भी शामिल है।

NVS-02 सेटेलाइट के फायदे क्या है?

ISRO ने कहा कि इस सेटेलाइट का उपयोग मुख्य रूप से स्थलीय, हवाई और समुद्री नेविगेशन, सटीक कृषि, फ्लीट मैनेजमेंट, मोबाइल डिवाइस में लोकेशन आधारित सेवाओं, सेटेलाइटों के लिए ऑर्बिट निर्धारण, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आधारित एप्लीकेशन, आपातकालीन सेवाओं और टाइमिंग सेवाओं के लिए किया जाएगा।

(PTI के इनपुट के साथ)

First Published - January 28, 2025 | 1:44 PM IST

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