न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर दोबारा सड़कों पर आए किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। दो दिन पहले दिल्ली कूच की कोशिश के दौरान पुलिस के साथ संघर्ष में 21 वर्षीय किसान शुभकरण की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को काला दिवस मनाया और राज्य की सीमा पर दो जगह डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भाजपा के नेताओं के पुतले फूंके।
पंजाब और हरियाणा की खनौरी सीमा की ओर बढ़ रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागे। दूसरी ओर पंजाब सरकार ने मृतक शुभ करण के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा और उसकी बहन को नौकरी देने की पेशकश की है, लेकिन किसान हरियाणा के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज की मांग पर अड़े हैं।
इस बीच, उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर केंद्र और कुछ राज्यों में किसानों के ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन’ के अधिकार का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।
याचिका में दावा किया गया है कि कई किसान संगठनों द्वारा अपनी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद केंद्र और कुछ राज्यों ने ‘धमकी’ जारी की है और राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं की किलेबंदी की है।