अरबपति मिस्त्री परिवार की परिसंपत्तियों का स्वामित्व बदलने वाला है। पिछले साल सितंबर में साइरस मिस्त्री का निधन हो गया था। सूत्रों से पता चला है कि अब उनकी परिसंपत्तियां जल्द ही उनकी पत्नी रोहिका और बेटों – फिरोज तथा जहान के बीच विभाजित हो सकती हैं।
इस पुनर्गठन में टाटा संस में 9.2 प्रतिशत हिस्सेदारी भी शामिल होगी, जो मौजूदा समय में साइरस मिस्त्री के नाम है और उनकी निवेश कंपनी साइरस इन्वेस्टमेंट्स से जुड़ी हुई है।
इस घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि यह परिसंपत्ति पुनर्गठन साइरस के बड़े भाई शापूर मिस्त्री के मार्गदर्शन में परिवार के वकीलों तथा ऑडिटरों की मदद से किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘शापूर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि साइरस परिवार में हर कोई नए ढांचे के साथ सहज और अनुकूल महसूस करे तथा किसी को कोई शिकायत न हो।’
मिस्त्री परिवार को इस संबंध में भेजे गए ईमेल संदेश का कोई जवाब नहीं मिला है।
ब्लूमबर्ग के अनुमानों के अनुसार, मिस्त्री परिवार की संयुक्त संपत्ति 27.3 अरब डॉलर पर अनुमानित है, जिसमें टाटा संस में उनकी 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी भी शामिल है।
पलोनजी मिस्त्री का निधन पिछले साल जून में हो गया था। उन्होंने करीब एक दशक पहले अपने दो बेटों – शापूर और साइरस के बीच अपनी संपत्ति समान रूप से विभाजित की थी।
सूत्रों का कहना है कि परिवार किसी तरह के जटिल और चुनौतीपूर्ण ढांचे से छुटकारा पाने के लिए पारिवारिक व्यवसाय का पुनर्गठन करने की भी योजना बना रहा था। निर्माण दिग्गज शापूरजी पलोनजी ऐंड कंपनी (एसपीसीपीएल) ने यूरेका फोर्ब्स, स्टर्लिंग ऐंड विल्सन रिन्यूएबल एनर्जी, और एसपी जम्मू उधमपर हाइवे में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 11,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया था।
समूह ने एसपीसीपीएल का परिचालन एलऐंडटी की तरह निर्माण कंपनी के तौर पर करने के लिए अपने व्यावसायिक ढांचे को आसान बनाने का प्रस्ताव रखा, जबकि होल्डिंग कंपनी अन्य इकाइयों के लिए परिचालन करेगी। अगले एक साल के दौरान यह पुनर्गठन प्रमुख कंपनी के लिए व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा और समूह का कर्ज घटाने में भी सहायक साबित होगा।
इस घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि योजना के मुताबिक गैर-जरूरी व्यवसायों में हिस्सेदारी बेचने और होल्डिंग ढांचा साफ-सुथरा बनाने के प्रयास में एसपीसीपीए के स्वामित्व वाली कई छोटी कंपनियों का विलय समाप्त किया जा रहा है।
समूह के कई व्यवसाय सहायक इकाइयों, संयुक्त उपक्रमों के तौर पर एसपीसीपीएल के अधीन है और उनकी बाजार वैल्यू अच्छी है।
मिस्त्री परिवार ने टाटा समूह के साथ अपना विवाद सुलझाने के लिए बैंकरों के साथ भी बातचीत की है। साइरस को टाटा संस बोर्ड द्वारा टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद अक्टूबर 2016 में यह विवाद गहरा गया था।