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किसानों की शिकायतों का समाधान करेगी समिति, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश नवाब सिंह की अध्यक्षता में बनाई कमेटी

समिति से यह भी कहा कि आंदोलनकारी किसानों से संपर्क साधे और उनसे तत्काल पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू सीमा से ट्रैक्टर और ट्रॉली आदि हटाने को कहा जाए।

Last Updated- September 02, 2024 | 10:39 PM IST
supreme court

उच्चतम न्यायालय ने शंभू सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की शिकायतों के सौहार्दपूर्ण निवारण के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति नवाब सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को एक समिति का गठन किया। न्यायालय ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन के मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां के पीठ ने समिति को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के अंदर वह अपनी पहली बैठक बुलाए। उसने समिति से यह भी कहा कि आंदोलनकारी किसानों से संपर्क साधे और उनसे तत्काल पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू सीमा से ट्रैक्टर और ट्रॉली आदि हटाने को कहा जाए ताकि आम यात्रियों को राहत मिले। पीठ ने कहा कि पंजाब और हरियाणा की सरकारें समिति को सुझाव देने के लिए स्वतंत्र होंगी।

समिति में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी पी एस संधू, देवेंद्र शर्मा, प्रोफेसर रंजीत सिंह धुमम्न और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अर्थशास्त्री डॉ सुखपाल सिंह शामिल हैं। उच्चाधिकार प्राप्त समिति को विचार-विमर्श के लिए मुद्दे तैयार करने की सलाह देते हुए पीठ ने समिति के अध्यक्ष को निर्देश दिया कि जब भी आवश्यकता हो, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी आर कंबोज को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जाए और उनकी विशेषज्ञ राय ली जाए।

पीठ ने प्रदर्शनकारी किसानों को आगाह किया कि वे राजनीतिक दलों से एक सुरक्षित दूरी बनाकर रखें और ऐसी मांगों पर अड़े न रहें जो व्यवहार्य नहीं हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसानों के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए और समिति को उन पर चरणबद्ध तरीके से विचार करना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसानों को उनका शांतिपूर्ण आंदोलन वैकल्पिक स्थानों पर ले जाने की आजादी होगी।

अदालत हरियाणा उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। आदेश में सरकार से अंबाला के पास शंभू सीमा पर लगाए गए अवरोधकों को एक सप्ताह में हटाने को कहा गया था जहां प्रदर्शनकारी किसानों ने 13 फरवरी से डेरा डाल रखा है।

हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे, जब ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (गैर-राजनीतिक) और ‘किसान मजदूर मोर्चा’ ने घोषणा की थी कि किसान अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली तक मार्च करेंगे, जिसमें उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग भी शामिल है।

First Published - September 2, 2024 | 10:39 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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