प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अगले 7-8 महीनों में पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को पूरा करने के लिए वार्ता शुरू करने पर आज सहमति व्यक्त की। यह बात अमेरिका द्वारा अप्रैल से व्यापार भागीदारों पर बराबरी का शुल्क लगाने की घोषणा किए जाने के कुछ घंटों बाद कही गई। समान शुल्क का सबसे अधिक प्रभाव भारत जैसे देशों पर पड़ सकता है।
ट्रंप ने कहा, ‘भारत जो भी शुल्क लगाता है, हम भी वही शुल्क को लगाते हैं। इसलिए यह हमारे लिए उतना मायने नहीं रखता कि वे क्या शुल्क लगाते हैं। मैंने पिछले कार्यकाल में भारत के साथ इस पर चर्चा की थी कि उनका शुल्क काफी अधिक था। हम इतना कहना चाहते हैं कि आप जो भी शुल्क लगाएंगे, हम भी वही लगाएंगे। यह अमेरिका के लोगों के लिए उचित है और मुझे लगता है कि यह भारत के लिए भी उचित है।’
व्हाइट हाउस ने एक फैक्टशीट में ब्राजील और यूरोपीय संघ के साथ-साथ भारत को भी उच्च शुल्क वाली अर्थव्यवस्था कहा है। उसमें दावा किया गया है कि अमेरिका कृषि उत्पादों के मामले में सबसे पसंदीदा देश (एमएफएन) पर औसतन 5 फीसदी शुल्क लगाता है, मगर भारत में औसत एमएफएन शुल्क 39 फीसदी है। उसमें कहा गया है कि भारत अमेरिकी मोटरसाइकल पर 100 फीसदी शुल्क लगाता है जबकि अमेरिका भारतीय मोटरसाइकल पर महज 2.4 फीसदी शुल्क लगाता है। भारत और अमेरिका ने 21वीं सदी के लिए एक नई पहल ‘यूएस-इंडिया कॉम्पैक्ट’ की शुरुआत पर सहमति जताई।
भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय व्यापार ‘मिशन 500’ के लिए एक नया लक्ष्य तय किया है और इसका लक्ष्य कुल द्विपक्षीय व्यापार को दोगुने से अधिक बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर करना है। दोनों नेताओं की बैठक के बाद वॉशिंगटन डीसी में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनों पक्ष अगले 7 से 8 महीने में द्विपक्षीय व्यापार समझौते की वार्ता पूरी कर लेंगे। उन्होंने कहा, ‘शीर्ष स्तर से दोनों ही टीमों को ये निर्देश दिए गए हैं कि इस पर जल्द सक्रियता दिखाई जाए और जितनी जल्दी संभव हो, काम शुरू हो जाएगा।’
भारत द्वारा हाल में अमेरिकी उत्पादों बॉरबॉन, मोटरसाइकल, आईसीटी उत्पाद और धातु पर कम टैरिफ लगाया गया और इस फैसले का अमेरिका ने स्वागत किया है।