Bihar SIR Voter List: निर्वाचन आयोग ने शनिवार को कहा कि बिहार मतदाता सूची का मसौदा एक अगस्त को प्रकाशित होने के बाद से किसी भी राजनीतिक दल ने उसमें नाम शामिल करने या हटाने के लिए उससे संपर्क नहीं किया है। मसौदा सूची एक सितंबर तक दावों और आपत्तियों के लिए उपलब्ध रहेगी, जिसके तहत राजनीतिक दल और व्यक्ति छूटे हुए पात्र नागरिकों को शामिल करने और उन लोगों को बाहर करने की मांग कर सकते हैं, जिन्हें वे अयोग्य मानते हैं।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि एक अगस्त से नौ अगस्त के बीच, राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किसी भी बूथ-स्तरीय एजेंट ने दावे और आपत्ति प्रक्रिया में चुनाव अधिकारियों से संपर्क नहीं किया है। दूसरी ओर, 7,252 लोगों ने मसौदा मतदाता सूची में नाम शामिल करने या हटाने के लिए आयोग से संपर्क किया है।
एक अधिकारी ने कहा, “निर्वाचन आयोग बार-बार कह रहा है कि बिहार की अंतिम मतदाता सूची में किसी भी पात्र मतदाता को न छोड़ा जाए और न ही किसी अपात्र मतदाता को शामिल किया जाए।’’ उन्होंने कहा, “बिहार की मसौदा सूची में किसी भी त्रुटि को सुधारने के लिए अपने दावे और आपत्तियां प्रस्तुत करें।” उन्होंने बताया कि नौ दिन बीत जाने के बाद भी, किसी भी राजनीतिक दल द्वारा एक भी दावा या आपत्ति प्रस्तुत नहीं की गई है।
मसौदा सूची निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का हिस्सा है, जिसका विपक्षी दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है, क्योंकि उनका दावा है कि इस प्रक्रिया के कारण कई पात्र नागरिक दस्तावेजों के अभाव में अपने मताधिकार से वंचित हो जाएंगे।
इस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर, विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के कारण 21 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से संसद के दोनों सदनों में कामकाज ठप पड़ा है। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि किसी भी पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची से नहीं छूटेगा। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।