बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया। पिछले 20 साल से खुद संभाल रहे गृह विभाग को उन्होंने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को दे दिया। यह पहली बार है जब नीतीश के हाथ से गृह विभाग गया हो। हालांकि उन्होंने सामान्य प्रशासन, कैबिनेट सचिवालय और विजिलेंस विभाग अपने पास ही रखे हैं।
इस बार वित्त मंत्रालय भी जदयू के खाते में चला गया। जदयू नेता बिजेंद्र प्रसाद यादव को वित्त और वाणिज्य कर विभाग मिला है। पहले गठबंधन में यह विभाग भाजपा के पास रहता था। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को राजस्व एवं भूमि सुधार के साथ-साथ खान एवं भूतत्व विभाग दिया गया है।
जदयू के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार को ग्रामीण विकास और परिवहन विभाग मिला। अशोक चौधरी को ग्रामीण कार्य विभाग की जिम्मेदारी दी गई। विजय चौधरी को भवन निर्माण, जल संसाधन और संसदीय कार्य मंत्रालय सौंपा गया है। वहीं मदन साहनी को सामाजिक कल्याण मंत्रालय की कमान मिली।
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भाजपा की शूटिंग स्टार श्रेयसी सिंह को खेल और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग मिला है। अरुण शंकर प्रसाद पर्यटन मंत्री बने हैं। संजय टाइगर को श्रम संसाधन विभाग दिया गया है।
एनडीए के छोटे साथियों को भी जगह मिली। रालोसपा से दीपक प्रकाश को पंचायती राज और हम (सेक्युलर) के संतोष सुमन को लघु जल संसाधन मंत्रालय सौंपा गया है।
गुरुवार को ही नीतीश कुमार दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। पटना के गांधी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्रियों और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में शपथ ग्रहण हुआ था। उनके साथ 26 सदस्यों वाले मंत्रिपरिषद ने भी शपथ ली थी।
नए मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा पहले की तरह बने हुए हैं। भाजपा विधायक दल की बैठक में सम्राट को नेता और विजय सिन्हा को उपनेता चुना गया था। 26 में से 10 मंत्री ऐसे हैं जो पिछले मंत्रिमंडल में नहीं थे। यानी करीब 40 फीसदी चेहरे नए हैं।