अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे में अमेरिकी फेडरल विमानन प्रशासन (FAA) की जांच रिपोर्ट सामने आई है। FAA ने कहा है कि फ्यूल कंट्रोल सिस्टम में कोई मैकेनिकल खामी नहीं मिली है, जो पिछले महीने Air India Boeing 787 Dreamliner के क्रैश की वजह हो सकता हो। 12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद हुई इस दुर्घटना में 260 लोगों की जान गई। इसे Air India के हाल के इतिहास में सबसे खतरनाक विमान हादसा बताया जा रहा है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, FAA के प्रशासक ब्रायन बेडफोर्ड ने विस्कॉनसिन में एक एविएशन इवेंट के दौरान संवाददाताओं को बताया कि जांचकर्ताओं ने फ्यूल सिस्टम यूनिट में किसी भी तरह की खराबी के संकेत नहीं पाए हैं और न ही फ्यूल स्विच की अनचाही मैनीपुलेशन का कोई सबूत मिला है।
बेडफोर्ड ने कहा, “हमें पूरी तरह से यकीन है कि यह फ्यूल कंट्रोल में अनजाने में हुई गड़बड़ी का मामला नहीं है।” मैकेनिकल खराबी की संभावना को काफी हद तक खारिज कर दिया गया है।
यह हादसा Air India Flight 171 की उड़ान के दौरान हुआ, जिसमें 242 यात्री सवार थे और यह लंदन गैटविक की ओर जा रही थी। अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके में मेडिकल कॉलेज में विमान गिरने से 241 यात्री और चालक दल की सदस्य की मृत्यु हुई, साथ ही 19 लोग जमीन पर मारे गए।
इस हादसे में केवल एक व्यक्ति- 28 वर्षीय ब्रिटिश भारतीय मूल निवासी विश्वाश कुमार रमेश बचे थे। जिन्होंने 11A सीट के पास के क्षतिग्रस्त इमरजेंसी एग्जिट गेट से निकलकर जान बचाई।
भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB), यूएस की NTSB की सहायता से जांच कर रही है, जिसमें पता चला कि दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच- जो इंजन में फ्यूल फ्लो को कंट्रोल करते हैं- उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए, जिससे इंजन को अचानक फ्यूल सप्लाई बंद हो गई। हालांकि स्विच को 10 सेकंड के भीतर ‘रन’ स्थिति में वापस किया गया, लेकिन इंजन समय रहते थ्रस्ट हासिल नहीं कर सके।
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से फ्यूल स्विच के मूवमेंट के बारे में पूछते हैं, जबकि दूसरा पायलट इससे इनकार करता दिखता है। जांचकर्ताओं ने अभी तक यह नहीं निर्धारित किया है कि यह बातचीत फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर या कैप्टन सुमीत सभरवाल द्वारा किया गया था। जबकि निष्कर्ष अभी सामने नहीं आए हैं। AAIB यह जांच रही है कि क्या स्विच मूवमेंट मानवीय गलती, बातचीत में कमी या सिस्टम संबंधी गड़बड़ी के चलते बदं हुआ है।
दुर्घटना के बाद, भारत की नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 14 जुलाई को भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा संचालित Boeing 787 और 737 विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच पर लॉकिंग मैकेनिज्म का तत्काल निरीक्षण अनिवार्य किया। कम्प्लांस की अंतिम तिथि 21 जुलाई निर्धारित की गई थी।
Air India ने अब अपने सभी वाइडबॉडी और नैरोबॉडी फ्लीट का निरीक्षण पूरा कर लिया है और किसी भी अनियमितता की सूचना नहीं दी है। Boeing और FAA ने भी कहा है कि मौजूदा सिस्टम, जिसमें लॉकिंग मैकेनिज्म शामिल हैं, सुरक्षित है और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर डिजाइन बदलने की आवश्यकता नहीं है।