Public vs Private: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक अध्ययन के मुताबिक वित्त वर्ष 2006 से वित्त वर्ष 2023 के बीच दक्षता के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का प्रदर्शन, निजी और विदेशी बैंकों की तुलना में बेहतर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान कुल मिलाकर बैंकिंग उद्योग की औसत तकनीकी दक्षता 81.21 प्रतिशत के स्तर पर रही है। इसका मतलब यह है कि कर्जदाता समान स्तर का आउटपुट देने में अपना इनपुट 18.79 प्रतिशत कम कर सकते थे।
बैंक समूह के मुताबिक वित्त वर्ष 2006 से वित्त वर्ष 2023 के बीच के परिणाम देखने पर संकेत मिलते हैं कि सरकारी बैंक 82.76 प्रतिशत परिचालन के साथ इस मामले में अग्रणी रहे हैं। वहीं निजी बैंकों का परिचालन 79.59 प्रतिशत और विदेशी बैंकों का 78.15 प्रतिशत पर हुआ है।
पिछले 10 साल में भारत के बैंकिंग क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। कुछ घरेलू और वैश्विक आर्थिक स्थितियों की चुनौती के बावजूद बैंकिंग क्षेत्र में मजबूती आई है।
एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष ने कहा, ‘परिणाम से पता चलता है कि आम धारणा के विपरीत सरकारी बैकों का प्रदर्शन निजी बैंकों और विदेशी बैंकों की तुलना में बहुत बेहतर रहा है।’
शोध पत्र ने पाया कि भारत के बैंकिंग क्षेत्र में दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने की सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की कवायदों को उल्लेखनीय सफलता मिली है। बहरहाल कुछ कमजोर बैंकों का अधिग्रहण करने के कारण, अधिग्रहण करने वाले बैंकों की दक्षता और उत्पादकता प्रभावित हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अध्ययन की अवधि के दौरान निजी बैंकों का परिचालन 80 प्रतिशत के नीचे के स्तर पर रहा है, जो प्राथमिक रूप से डीसीबी बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के कारण है। ऐसा लगता है कि कमजोर बैंकों के अधिग्रहण के कारण निजी क्षेत्र की दक्षता पर असर पड़ा है।’
इस शोध में अध्ययन की 4 अवधियों, वित्त वर्ष 2006 से वित्त वर्ष 2010, वित्त वर्ष 2011 से वित्त वर्ष 2018, वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2023 और पूरे वित्त वर्ष 2006 से वित्त वर्ष 2023 की अवधि पर विचार किया गया है। घोष ने कहा कि सरकारी बैंक इन सभी अध्ययन वर्षों के दौरान वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2023 की अवधि को छोड़कर शेष 3 अवधियों में निजी बैकों की तुलना में ज्यादा दक्ष रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षता में आई गिरावट की वजह विलय और कारोबार, शाखाओं और कर्मचारियों को युक्तिसंगत बनाया जाना हो सकता है। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय करके 4 बैंक बनाने का फैसला किया था, जो अप्रैल 2020 से लागू हुआ।
सरकारी बैंकों में स्टेट बैंक का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से बेहतर रहा है और उसने वित्त वर्ष 2006 से वित्त वर्ष 2023 की अवधि के दौरान 97.88 प्रतिशत हासिल किए हैं। उसके बाद 92.53 प्रतिशत के साथ यूनियन बैंक आफ इंडिया का स्थान है।
निजी क्षेत्र के बैंकों में एचडीएफसी बैंक अग्रणी रहा है, जिसका परिचालन स्तर 97.96 प्रतिशत है, उसके बाद 94.43 प्रतिशत के साथ ऐक्सिस बैंक दूसरे स्थान पर है।