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बढ़ती जमा लागत से बैंकिंग सेक्टर पर दबाव, FY25 में लाभप्रदता घटने की आशंका

क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार इससे वित्त वर्ष 25 में बैंकों के शुद्ध ब्याज दर मार्जिन (एनआईएम) में 10-20 आधार अंक से लेकर 3.0 - 3.1 फीसदी तक की कमी आ सकती है।

Last Updated- June 20, 2024 | 10:36 PM IST
Bank Holiday

वित्त वर्ष 25 (यानी 2024-25) में बैंकों के लिए कोष की लागत 25-30 आधार अंक बढ़ने की उम्मीद है। इसका कारण यह है कि बैंकों को सावधि जमा पर ब्याज में लगातार बदलाव करते हुए इसे बढ़ाना पड़ रहा है। इससे बैंकों के लाभ पर असर पड़ रहा है।

क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार इससे वित्त वर्ष 25 में बैंकों के शुद्ध ब्याज दर मार्जिन (एनआईएम) में 10-20 आधार अंक से लेकर 3.0 – 3.1 फीसदी तक की कमी आ सकती है। बैंकों की परिसंपत्तियों पर रिटर्न (आरओए) भी कम होकर 1.1 से 1.2 फीसदी हो सकता है जबकि यह वित्त वर्ष 24 में 1.3 फीसदी था।

क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अजीत वेलोनी ने एक बयान में कहा, ‘नई सावधि जमा की ब्याज दर काफी हद तक सपाट हो चुकी है। हालांकि बकाया यानी पुराने जमा के पुन: नवीनीकरण का इस पर असर पड़ रहा है। पुरानी जमा जब नवीनीकरण के लिए आती है तो मौजूदा जमा की उच्च दर पर नए सिरे से कीमत निर्धारित करनी पड़ती है। यह पूरी प्रक्रिया इस पूरे वित्त वर्ष की पहली छमाही में जारी रही।’

मई 2022 से ब्याज चक्र सख्त होने के बाद जमा की लागत 140 आधार अंक यानी 1.4 फीसदी बढ़ चुकी है।

बयान के अनुसार लगातार बढ़ी हुई दरों पर पुन: मूल्य निर्धारित करने के कारण जमा राशि की लागत बढ़ने से लाभप्रदता पर असर पड़ने की आशंका है। इस वित्तीय वर्ष में जमा की लागत 25-30 आधार अंक बढ़ने की उम्मीद है।

First Published - June 20, 2024 | 10:36 PM IST

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