केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक राज्य, एक आरआरबी की नीति को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया। अब 11 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 28 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को एकीकृत कर एकल इकाई बना दिया गया है। यह रणनीतिक कदम 1 मई, 2025 से प्रभावी हो गया है। इससे ग्रामीण बैंकों की कुल संख्या 43 से घटकर 28 रह गई है।
इसका मकसद परिचालन संबंधी कुशलता और वित्तीय सततता को बढ़ावा देना है। इस एकीकरण के बाद 28 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक 22,000 से ज्यादा शाखाओं के साथ 700 जिलों में काम करेंगे, जिनमें करीब 92 प्रतिशत शाखाएं गांवों और कस्बाई इलाकों में होंगी। प्रत्येक एकीकृत ग्रामीण बैंक के पास अब 2,000 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी है।
इससे ग्रामीण बैंकों को अपने पूंजी का आधार बढ़ाकर ऋण की वृद्धि को समर्थन देने में मदद मिलेगी और ग्रामीण बैंक राज्य की विशेष वित्तीय जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम कर सकेंगे। एकीकरण व्यापक पहल का एक हिस्सा है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2004-05 में की गई थी।