केंद्र सरकार ने कई क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के विलय को 1 मई से लागू करने की सोमवार को अधिसूचना जारी की। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 की धारा 23 ए (1) के तहत प्रदान की गई शक्तियों के अनुसार इन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय कर एक इकाई बनाई जाएगी और इन्हें अपनी संपत्तियां, शक्तियां, अधिकार, दायित्व और कर्त्तव्य विरासत में मिलेंगे।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के इस नए ढांचे का मकसद कार्यप्रणाली को बेहतर बनाना और इनके प्रायोजक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्रतिस्पर्धा को न्यूनतम करना है। यह केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ‘एक राज्य, एक आरआरबी’ नीति का हिस्सा है। वित्त मंत्रालय की इस नीति के बारे में सबसे पहले जानकारी बिज़नेस स्टैंडर्ड ने सितंबर 2024 में ही दी थी।
इस अधिसूचना में विभिन्न राज्यों के कई बैंकों के विलय की जानकारी दी गई है। इस विलय का मकसद अधिक व्यापक, ज्यादा मजबूत क्षेत्रीय संस्थान बनाना है। इसी क्रम में आंध्र प्रदेश में चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, सप्तगिरि ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक का विलय कर आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। इसका मुख्यालय आंध्र प्रदेश के अमरावती में होगा और इसका प्रायोजक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया रहेगा।
इसी तरह बिहार में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का विलय कर बिहार ग्रामीण बैंक बनेगा। इसका मुख्यालय पटना में होगा और इसका प्रायोजक पंजाब नैशनल बैंक रहेगा। गुजरात में बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक और सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक को मिलाकर गुजरात ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। इसका मुख्यालय बडोदरा होगा और प्रायोजक बैंक ऑफ बड़ौदा रहेगा। इसी तरह जम्मू व कश्मीर में जे ऐंड के ग्रामीण बैंक और इलाकाई देहाती बैंक का विलय कर जम्मू ऐंड कश्मीर ग्रामीण बैंक बनेगा।