राज्य सरकार की नई फसल बीमा योजना के संबंध में विधानसभा में चर्चा के दौरान कृषि मंत्री ने विस्तृत जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि दोषी बीमा कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और ऐसी कंपनियों को सरकार द्वारा ब्लैक लिस्ट किया जाएगा । साथ ही, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि फसल कटाई प्रयोग के आधार पर किसानों को उचित और गारंटीकृत मुआवजा मिले ।
कृषि मंत्री एडवोकेट माणिकराव कोकाटे ने विधान परिषद में फसल बीमा कंपनियों द्वारा किए जा रहे मुनाफे के संबंध में सदस्य अमोल मिटकरी द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जिन कंपनियों का दोष सिद्ध होगा , उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्हें सरकार की सूची से स्थायी रूप से हटा दिया जाएगा। जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर पंचनामा की प्रक्रिया को क्रियान्वित किया जा रहा है। उनके सुझावों को भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
नई योजना में फसल कटाई प्रयोग को केंद्र में रखा गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि यह योजना किसानों के लिए अधिक पारदर्शी और लाभकारी है। यदि फसल कट जाती है और उपज अपेक्षा से कम होती है तो उस दृष्टि से मुआवजा दिया जाएगा। एनडीआरएफ के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी और कोई भी किसान इस योजना से वंचित नहीं रहेगा।
कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि फसल बीमा योजना और पूंजी निवेश दो अलग-अलग चीजें हैं। पहले सरकार बीमा कंपनियों को 5-6 हजार करोड़ रुपए देती थी। अब यह राशि 760 करोड़ रुपए हो गई है। इसलिए, बची हुई 5 हजार करोड़ रुपए की राशि अब मल्चिंग , ड्रिप सिंचाई , गोदाम आदि पूंजी निवेश के लिए इस्तेमाल की जाएगी। अगले पांच साल में कृषि में 25 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उन्होंने कहा कि यदि योजना में संशोधन आवश्यक पाया जाता है , तो पार्टी नेताओं और विधायकों के साथ बैठक आयोजित करके निश्चित रूप से संशोधन किए जाएंगे ।