भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि महंगाई करीब पांच प्रतिशत के इर्द-गिर्द रहने के कारण ब्याज दर में कटौती पर कोई भी बातचीत जल्दबाजी है। दास ने कहा कि वह भविष्य के लिए कोई अग्रिम अनुमान देना चाहेंगे ताकि बाजार के नामचीन खिलाड़ी, साझेदार और बोर्ड के अन्य सदस्य कोई गलत गाड़ी नहीं पकड़ लें।
उन्होंने टीवी 18 को दिए साक्षात्कार में कहा ‘महंगाई का अंतिम आंकड़ा 4.7 प्रतिशत (मई)है। जून की महंगाई का आंकड़ा कल (शुक्रवार) जारी होने की उम्मीद है। विभिन्न वॉयर सर्विसिज के के सर्वेक्षणों के अनुसार यह 5 प्रतिशत के करीब हो सकती है (जून)। लिहाजा जब हम पांच प्रतिशत पर हैं और हमारा लक्ष्य 4 प्रतिशत है। मुझे लगता है कि ऐसी स्थिति में ब्याज दर में कटौती पर बात करना जल्दबाजी है।’
घरेलू दर निर्धारित करने वाले पैनल ने फरवरी 2023 के बाद से रीपो दर को 6.50 पर यथावत रखा है। उन्होंने बताया कि महंगाई के सुस्त होने की दर सुस्त है और ऐसे में रुख में कोई भी बदलाव जल्दबाजी है।
उन्होंने कहा, ‘विचित्र ढंग की घटनाओं जैसे मॉनसून की बाढ़ या मौसम संबंधित घटनाएं स्थितियों को बदल सकती है। सब्जियों के दाम बढ़ सकते हैं। लिहाजा ऐसे में हम पांच प्रतिशत के करीब हैं। अगर हम महंगाई के 4 प्रतिशत के लक्ष्य को जल्दी हासिल करना चाहते हैं तो मौद्रिक नीति सख्त होनी चाहिए। इसे अधिक सख्त होना भी चाहिए। यह कहीं अधिक प्रतिबंधात्मक होनी चाहिए। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। इसका कारण यह है कि हम विकास और महंगाई में संतुलन चाहते हैं।’
आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति में से दो सदस्यों ने बीते माह नीतिगत दरों में कटौती के समर्थन में मत दिया था। इन सदस्यों का तर्क यह था कि सख्त नीति से आर्थिक विकास बाधित भी हो सकता है।