मोटर थर्ड पार्टी (टीपी) दरों में बढ़ोतरी वक्त की जरूरत बन गई है। अगर इस पर विचार नहीं किया गया तो कई कंपनियों के लिए यह अस्तित्व का मसला बन जाएगा। न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) गिरिजा सुब्रमण्यन ने इस सप्ताह कंपनी के परिणाम की घोषणा के बाद विश्लेषकों से बातचीत में यह कहा।
सुब्रमण्यन ने कहा, ‘जहां तक (मोटर) टीपी का सवाल है, यह एक अनिवार्य व्यवसाय है। इसलिए टीपी व्यवसाय पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। हमें टीपी व्यवसाय करना जारी रखना होगा। हम इसके इर्द गिर्द रणनीति नहीं बना सकते, सिर्फ यह कर सकते हैं कि अपने नुकसान (ओडी) की रणनीति ऐसी रखें कि इसका असर कम रहे और कुल मिलाकर इस नुकसान और टीपी को टिकाऊ बनाए रखा जा सके। टीपी प्रीमियम में बढ़ोतरी निश्चित रूप से समय की मांग है और अगर इस पर दोबारा विचार नहीं किया गया तो यह ज्यादातर कंपनियों के लिए अस्तित्व का मुद्दा बन जाएगा।’ कुछ साल से मोटर टीपी दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गैर जीवन बीमा उद्योग को उम्मीद है कि इस साल दरों में कुछ बढ़ोतरी होगी। हाल में उद्योग के अधिकारियों और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव के साथ बैठक में इस मसले को उठाया गया था।
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मोटर टीपी की दरें भारतीय जीवन बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) से परामर्श के बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तय करता है। न्यू इंडिया के कुल मिलाकर प्रोडक्ट मिक्स में मोटर टीपी बिजनेस की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का मोटर टीपी बिजनेस सालाना आधार पर 11 प्रतिशत बढ़कर 6,652 करोड़ रुपये हो गया है। बहरहाल इस सेग्मेंट में व्य दावा अनुपात (आईसीआर) 108.2 प्रतिशत हो गया है, जो एक साल पहले 96.4 प्रतिशत था।