भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जारी परिपत्र में कहा कि बैंक सभी गैर प्रमुख शाखाओं सहित सभी शाखाओं में निष्क्रिय खातों या बिना दावे वाली रकम के लिए अनिवार्य रूप से जानें अपने ग्राहक (केवाईसी) के विवरण को दुरुस्त करने की सुविधा मुहैया करवाएं। इसके अलावा बैंकों को वीडियो उपभोक्ता पहचान प्रक्रिया (वी-सीआईपी) उपलब्ध होने की स्थिति में खातेधारक की मांग पर यह सुविधा मुहैया करवानी चाहिए। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि निष्क्रिय बैंक खातों को सक्रिय करने के लिए अधिकृत बिजनेस कॉरस्पोंडेंट की मदद भी ली जा सकती है। रिजर्व बैंक ने इस प्रारूप परिपत्र पर साझेदारों की टिप्पणी 6 जून तक मांगी है।
रिजर्व बैंक ने जनवरी में बिना दावे वाली रकम और निष्क्रिय खातों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए थे। इसके तहत ग्राहक के खाते की जानकारी या चेक बुक का अनु्रोध शामिल करने सहित गैर वित्तीय गतिविधियां या कोई वित्तीय लेन देन दो वर्ष तक नहीं होने की स्थिति में ऐसे खातों को ‘निष्क्रिय’ श्रेणी में रखा जाएगा।
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इसके अलावा रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया कि वह एक साल की अवधि से अधिक समय से उपभोक्ता की बिना लेन देन की पहल वाले खातों की सालाना समीक्षा करे। ग्राहकों को निष्क्रिय होने वाले बैंक खातों की स्थिति के बारे में पत्रों, ईमेल या एसएमएस के जरिये अधिसूचित किया जाएगा। ग्राहकों को अपने खाते सक्रिय करने के लिए अतिरिक्त समय भी दिया जाएगा।
रिजर्व बैंक ने दिसंबर 2024 में बैंकों से अनुरोध किया था कि वे निष्क्रिय या बंद पड़े खातों की संख्या को घटाने के लिए ‘तत्काल’ आवश्यक कदम उठाए। ऐसे खातों की संख्या के बारे में तिमाही आधार पर सूचना दी जाए। कई बैंक शाखाओं में कुल जमा राशि से अधिक राशि निष्क्रिय खातों/ बिना दावे वाली रकम मिली थी।