बीमा ब्रोकरों ने भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (IRDAI) से अनुरोध किया है कि उन्हें ‘बीमा वाहक’ नियुक्त करने की अनुमति दें। ब्रोकरों का कहना है कि इससे बीमा कंपनियों की पहुंच बढ़ेगी।
यह प्रस्ताव इस माह की शुरुआत में हुए ‘बीमा वितरक मंथन’ में पेश किया गया था। इस बैठक में कई बीमा ब्रोकर, कॉरपोरेट एजेंट, अन्य बीमा मार्केटिंग फर्मों (आईएमएफ) सहित कई बीमा मध्यस्थ उपस्थित थे। यह कार्यक्रम बीमा क्षेत्र में विचार-विमर्श व अंतर्द्ष्ट साझा करने के साथ-साथ अभिनव रणनीतियां साझा करने व समन्वय के लिए आयोजित किया गया था।
भारतीय इंश्योरेंस ब्रोकर एसोसिएशन (IBAI) के महासचिव आर. बालासुदंरम ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘बीमा वितरक मंथन में एक प्रस्ताव यह पेश किया गया कि आईबीएआई इंश्योरेंस ब्रोकर व कॉरपोरेट एजेंटो को भी बीमा वाहक की नियुक्ति की अनुमति दे। बीमा वाहक की नियुक्ति केवल बीमा कंपनियों तक ही सीमित नहीं की जाए।’
बालासुदंरम ने बताया, ‘यह सुझाव पेश किया गया था कि कॉरपोरेट एजेंट, इंश्योरेंस ब्रोकर और वितरण चैनलों को बीमा वाहक नियु्क्त करने की अनुमति दी जाए। ब्रोकर या कॉरपोरेट एजेंट अपने अनुभव, विशेषज्ञता और आधारभूत मदद के बलबूते बीमा वाहक नियुक्त कर तेजी से सृजन, प्रशिक्षण और सेवा उपलब्ध करा सकते हैं।’
बीमा वाहक नियामक की बीमा ट्रिनिटी का एक हिस्सा है, यह महिला वितरण चैनल बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए प्रतिबद्ध है। बीमा वाहक कानूनी रूप से पंजीकृत व्यक्ति होगा। बीमा कंपनियों के पास व्यक्तिगत बीमा वाहक या हर ग्राम पंचायत में दायरा बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट बीमा वाहक नियुक्त करने का अधिकार है।
दोनों ही बीमा वाहक कॉरपोरेट और व्यक्तिगत प्रस्ताव जानकारी के संग्रह और अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) दस्तावेज और दावा संबंधित सेवाओं के समन्वय से जुड़ी गतिविधियों के लिए अधिकृत होंगे। ब्रोकरों के अनुसार बीमा कंपनियों को ‘बीमा वाहक’ के लिए निवेश करना होगा जो कि उनके लिए स्थायी लागत होगी और वितरण चैनल के लिए यह परिवर्तनीय लागत होगी। वितरण चैनल द्वारा मुहैया कराई जाने वाली इस मदद से देश में बीमा का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी।
महिंद्रा इंश्योरेंस ब्रोकर्स के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेदनारायणन शेषाद्रि ने बताया, ‘बीमा ब्रोकरों ने यह भी कहा है कि एमआईएसपी (मोटर बीमा सेवा प्रदाता) समझौते के तहत वाहन डीलरों को अन्य उत्पाद वितरित करने की अनुमति दी जाए। इन लोगों की पूरे देश में व्यापक पहुंच और बड़ा उपभोक्ता आधार होता है जिससे वे बीमा उत्पादों की तेजी से पहुंच मुहैया करा सकते हैं।’