भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) स्वास्थ्य बीमा की निपटान राशि के अंतर पर करीबी नजर रख रहा है। दरअसल, दावों के निपटान की संख्या अधिक है लेकिन दावा की गई राशि की तुलना में निपटान राशि उम्मीद से कम है। बीमा नियामक के चेयरमैन अजय सेठ ने बताया कि नियामक बीमाकर्ताओं से दावा निपटान त्वरित, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से होने की उम्मीद करता है अन्यथा बीमा क्षेत्र का भरोसा कमजोर करेगा।
सेठ ने बीमा लोकपाल दिवस में कहा, ‘हम बीमा क्षेत्र में निरंतर खाई देखते है : जहां दावों के निपटान की संख्या अधिक है लेकिन निपटान राशि विशेष तौर पूरी राशि अनुमान से कई बार कम रहती है। हम इस क्षेत्र पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘बीमाकर्ताओं से हमारी अपेक्षा स्पष्ट है – तत्पर, निष्पक्ष और पारदर्शी दावा निपटान। इससे कम कुछ भी उस विश्वास को कमजोर करता है जिस पर हमारा उद्योग बना है।’
सामान्य और स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं ने वित्त वर्ष 25 के दौरान 3.26 करोड़ स्वास्थ्य बीमा दावों का निपटान किया और स्वास्थ्य बीमा दावों के निपटान के लिए 94,247 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया।
बीमा उद्योग ने कुल मिलाकर वित्त वर्ष 25 में 8.36 लाख करोड़ रुपये के दावों का निपटान किया। इसी अवधि के दौरान उद्योग ने 11.93 लाख करोड़ रुपये के प्रीमियम एकत्र किए, इसमें जीवन बीमा क्षेत्र ने लगभग 8.86 लाख करोड़ रुपये और शेष राशि सामान्य व स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं की थी।
सेठ ने कहा, ‘इस प्रगति के बावजूद हमें उन कमियों के बारे में स्पष्ट होना चाहिए जो अभी भी बनी हुई हैं। बीमा की पहुंच अभी भी कम है। विस्तार के बावजूद, बीमा के दायरे में आने वाले लोगों की संख्या को तेजी से बढ़ने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि उद्योग को बीमा की पहुंच का दायरा बढ़ाने के लिए अधिक कार्य करने की जरूरत है, यह खासकर वंचित ग्रामीण, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और महिलाओं के क्षेत्र में हो।
उन्होंने कहा, ‘हमारे जैसे विशाल और विविध देश में हमें 2047 तक ‘सभी के लिए बीमा’ के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए तेजी से प्रगति करने की जरूरत है।’
इसके अतिरिक्त उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक नियामक के रूप में इरडाई खरीदने, सेवाओं और दावा करने को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए डिजिटल पहुंच का विस्तार कर रहा है। यह उत्पाद डिजाइन में बीमाकर्ताओं को अधिक लचीलापन देकर, सूक्ष्म-बीमा और समावेशी मॉडलों को प्रोत्साहित करके पूरे देश में पहुंच रहा है। नियामक संचार में सरलता पर जोर दे रहा है ।