facebookmetapixel
Atlanta Electricals IPO: ₹142 पर पहुंच गया GMP, 24 सितंबर तक कर सकेंगे अप्लाई; जानें क्या करती है कंपनीJio Payments Bank का ‘सेविंग्स प्रो’ लॉन्च, अतिरिक्त पैसों पर मिलेगा 6.5% तक ब्याज$1 लाख की H1-B वीजा फीस का भारतीय आईटी सेक्टर पर होगा मामूली असर: नैसकॉमAmazon-Flipkart पर अर्ली एक्सेस सेल शुरू; स्मार्टफोन, TV और AC पर 80% तक छूटGST 2.0 के बाद RBI देगा दिवाली तोहफा! SBI रिपोर्ट का अनुमान- रीपो रेट में और हो सकती है कटौतीAdani Power Share: अचानक ऐसा क्या हुआ कि 20% उछला स्टॉक, निवेशकों में खरीदने की मची लूटGold-Silver price today: नवरात्रि के पहले दिन ऑल टाइम हाई पर चांदी, सोने का भाव 1,10,600 परUpcoming NFOs: पैसा रखें तैयार! 9 फंड्स लॉन्च को तैयार, ₹500 से निवेश शुरूH-1B वीजा फीस बढ़ने से आईटी स्टॉक्स में खलबली, ब्रोकरेज ने बताया – लॉन्ग टर्म में क्या होगा असरInfosys Q2 Results: जानिए कब आएंगे नतीजे और क्या डिविडेंड मिलेगा, जानें सब कुछ

LIC को बिहार टैक्स अथॉरिटी ने जारी किया 290 करोड़ रुपये का GST बिल, बीमा कंपनी देगी चुनौती

LIC 290 करोड़ रुपये से ज्यादा की भारी GST मांग के खिलाफ अपील करने के लिए तैयार है, जिसमें जुर्माना और ब्याज शामिल है

Last Updated- September 24, 2023 | 9:10 AM IST
LIC Chairman: Siddharth Mohanty appointed new chairman of LIC, will hold the post till 2025

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने बिहार टैक्स अथॉरिटी द्वारा जारी किए गए 290 करोड़ रुपये से ज्यादा के माल और सेवा कर (GST) बिल पर जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (GST Appellate Tribunal) में अपील दर्ज करने की योजना बनाई है।

शुक्रवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में, LIC ने खुलासा किया कि उस पर GST बिल लगाया गया था, जिसकी रकम 290 करोड़ रुपये से ज्यादा थी और इसमें ब्याज और जुर्माना भी शामिल था।

क्या है LIC और बिहार टैक्स अथॉरिटी के बीच का मामला?

एक्सचेंज फाइलिंग में LIC ने कहा है, ‘यह सूचित किया जाता है कि कॉरपोरेशन को 21 सितंबर, 2023 को बिहार-अपर आयुक्त राज्य कर (अपील), सेंट्रल डिवीजन, पटना से BGST और CGST एक्ट 2017 की धारा -73 (9) के तहत एक आदेश प्राप्त हुआ है।’

Also Read: कोल इंडिया के कर्मचारियों ने दी हड़ताल पर जाने की धमकी

उल्लंघन के विवरण में पॉलिसीधारकों से प्राप्त प्रीमियम के गैर-जीएसटी लगाए जाने वाले हिस्से पर प्राप्त और उपयोग किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को रिवर्स करने में विफलता शामिल है। इसके अलावा, एक्सचेंज फाइलिंग से जुड़े कर प्राधिकरण के आदेश के अनुसार, प्रीमियम और छूट वाली पॉलिसियों के गैर-जीएसटी लगाए जाने वाले हिस्सों के लिए एजेंटों के कमीशन पर ITC को वापस न करने का हवाला दिया गया।

290 करोड़ से ज्यादा का हिसाब कुछ इस तरह

बिल को अगर तोड़ कर अलग-अलग हिस्सों में देखें तो, टैक्स की मांग 166.75 करोड़ रुपये से ज्यादा है, ब्याज शुल्क (interest charges) 107.05 करोड़ रुपये से ज्यादा है, और जुर्माना 16.67 करोड़ रुपये से ज्यादा है। कुल मिलाकर पूरा बिल 290,49,22,609 रुपये का है।

Also Read: सरकार से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या एक लाख के पार

First Published - September 24, 2023 | 9:10 AM IST

संबंधित पोस्ट