कृषि और संबंधित गतिविधियों और सेवा क्षेत्र में ऋण के उठाव में भारी गिरावट के कारण 27 जून को समाप्त पखवाड़े में बैंकों की गैर-खाद्य ऋण की सालाना आधार पर वृद्धि दर घटकर 10.2 प्रतिशत रह गई है, जो एक साल पहले 13.8 प्रतिशत थी।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि सालाना आधार पर खुदरा और औद्योगिक ऋण की वृद्धि दर भी जून 2025 में कम हुई है। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा है कि सेवा क्षेत्र को दिया गया ऋण सालाना आधार पर उल्लेखनीय रूप से घटकर 27 जून 2025 को घटकर 9.6 प्रतिशत रह गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 15.1 प्रतिशत था।
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक ऋण की वृद्धि घटकर 2.6 प्रतिशत रह गई है, जो एक साल पहले 8.5 प्रतिशत थी। ट्रेड सेग्मेंट में ऋण घटकर 10.8 प्रतिशत रह गया है, जो जून 2024 में 14.8 प्रतिशत था। इन आंकड़ों में एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के विलय के आंकड़ों का असर शामिल नहीं किया गया है।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि कृषि और संबंधित गतिविधियों में ऋण की वृद्धि 27 जून 2025 को समाप्त पखवाड़े में घटकर 6.8 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले 17.4 प्रतिशत थी। बैंकरों ने कहा कि कमजोर मांग के अलावा अप्रैल-जून के दौरान ऋण में वृद्धि कमजो रहने की वजह यह है कि इस दौरान बैंकों ने वसूली, ऑडिट और अनुपालन पर ज्यादा ध्यान दिया। खुदरा ऋण की वृद्धि दर जून 2025 में सालाना आधार पर घटकर 14.7 प्रतिशत रह गई है, जो मुख्य रूप से व्यक्तिगत ऋण, क्रेडिट कॉर्ड और वाहन ऋण सेग्मेंट में कमी के कारण हुआ है।