भारत की फिनटेक कंपनी पेटीएम ने आज यानी 6 दिसंबर को अपने लोन बिजनेस में इजाफा करने का ऐलान किया है। एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में पेटीएम ने बताया कि वह ज्यादा अमाउंट वाले पर्सनल और मर्चेंट लोन देने पर ज्यादा जोर देगी। हाल ही में केंद्रीय बैंक RBI द्वारा अनसिक्योर्ड लोन पर सख्ती बरतने के बाद फिनटेक कंपनी ने कहा कि वह 50,000 रुपये से कम के लोन को बांटने में कटौती करेगी।
कंपनी ने कहा कि वह 50,000 रुपये से ज्यादा के लोन के लिए ‘अच्छी मांग’ की उम्मीद करते हुए, कम रिस्क वाले और हाई क्रेडिट-योग्य ग्राहकों के लिए लोन अमाउंट और कमर्शियल लोन के अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करेगी। कंपनी ने जानकारी में बताया कि वह ऐसा बड़े बैंकों और गैर-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों (NBFC) के साथ पार्टनरशिप के जरिये करेगी।
पेटीएम के प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) भावेश गुप्ता ने रॉयटर्स को बताया कि कंपनी के इस कदम से प्लेटफॉर्म के पोस्ट-पेड (Post Paid) प्रोडक्ट के माध्यम से दिए गए लोन के वॉल्यूम में करीब 40 से 50 फीसदी की गिरावट आएगी।
साथ ही उन्होंने बताया कि इससे पेटीएम के रेवेन्यू ग्रोथ में खास असर देखने को नहीं मिलेगा।
कंपनी की तरफ से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और गैर-बैंक वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए जोखिम वेटेज 25 प्रतिशत अंक बढ़ा दिया है। केंद्रीय बैंक पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए मानदंडों को कड़ा करने पर विचार कर रहा है, ताकि इसके बदले में लोन लेने की संख्या में कमी आ सके।
बता दें कि भारतीय फिनटेक कंपनी Paytm के पास लोन देने के लिए पार्टनर के रूप में सात NBFC हैं। कंपनी ने कहा कि वह एक बैंकिंग पार्टनर और दो NBFC पार्टनर और जोड़ने की प्रक्रिया में है।
इसके अलावा, कंपनी के पास 3 क्रेडिट कार्ड पार्टनर हैं। कंपनी और पार्टनर्स को खोजने में लगी है और इसका मुख्य लक्ष्य Rupay credit card के लिए पार्टनर को खोजना है।
BSE और NSE, दोंनों पर कंपनी के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। BSE पर इसके शेयर 3.12 फीसदी की गिरावट के साथ 813.30 रुपये पर बंद हुए। वहीं, NSE पर इसके शेयरों में 27.15 अंकों की गिरावट आई। कंपनी के शेयर 3.23 फीसदी की गिरावट के साथ 812.25 रुपये पर बंद हुए।
सितंबर तिमाही (FY24Q2) के दौरान कंपनी के लिए वितरित लोन दोगुना से ज्यादा होकर 162.11 अरब रुपये हो गया, जबकि इसकी फाइनैंशियल सर्विसेज का राजस्व भी 64 फीसदी बढ़ गया। बता दें कि इसमें कंपनी का लोन बिजनेस भी शामिल है।
सितंबर तिमाही के प्रदर्शन को लेकर एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में Paytm ने कहा था कि उसका कुल घाटा कम होकर 292 करोड़ रुपये रह गया। ग्रॉस मर्चेंडाइज वेल्यू (GMV), मर्चेंट सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू और कर्ज के वितरण में वृद्धि से कंपनी को अपने घाटा कम करने में मदद मिली।
पेटीएम का कुल घाटा (Paytm Total Loss) एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2022-23 की सितंबर तिमाही में 571.5 करोड़ रुपये था। गौरतलब है कि पेटीएम अपनी पेरेंट कंपनी वन 07 कम्युनिकेशंस (One 97 Communications Ltd) के नाम से अपना कारोबार चलाती है।
पेटीएम ने बताया था कि 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में उसका रेवेन्यू 32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,519 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक साल पहले की इसी तिमाही में यह 1,914 करोड़ रुपये था।