गूगल पे द्वारा अपने ऋणदाताओं के साथ साझेदारी में वितरित किए जाने वाले ऋण का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा मझोले शहरों और उससे छोटे क्षेत्रों के ग्राहकों को जाता है। कारण कि इन क्षेत्रों में वित्तीय संस्थानों तक पहुंच सीमित होती है। कंपनी के एक वरिष्ठ कार्यकारी ने यह जानकारी दी। फिलहाल ऋणदाताओं के साथ कंपनी की हिस्सेदारी का दायरा करीब 13,500 पिन कोड तक फैला हुआ है, जहां वह जमानती और गैर-जमानती ऋण वितरित करने में सक्षम है।
गूगल पे के निदेशक (उत्पाद प्रबंधन) शरत बुलुसु ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा, ‘अगर हम इस बारे में गुणात्मक रूप से सोचें तो इन क्षेत्रों में किसी उपयोगकर्ता के लिए कम बैंक शाखाएं और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) हैं। उनके लिए डिजिटल पहुंच दिल्ली या बेंगलूरु जैसे बड़े शहरों में रहने वालों की तुलना में ज्यादा कीमती हो जाती है।’
गूगल फॉर इंडिया के 10वें संस्करण में फिनटेक क्षेत्र की इस दिग्गज ने दो ऋणदाताओं के साथ ऋण साझेदारी का ऐलान किया है। उसने असुरक्षित ऋणों के लिए आदित्य बिड़ला फाइनैंस लिमिटेड के साथ तो सोने से समर्थित सुरक्षित ऋण के लिए मुथूट फाइनैंस के साथ साझेदारी की है। मुथूट के साथ साझेदारी से गूगल पे को पहली बार इस प्लेटफॉर्म पर गिरवी आधारित ऋण देने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘यह उन उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित और औपचारिक रूप से कर्ज हासिल करने में सक्षम बनाती है जिन्होंने पहले कर्ज न लिया हो। जो उपयोगकर्ता पहले भी कर्ज ले चुके हैं, अगर वे गिरवी के आधार पर कर्ज लेना पसंद करते हैं तो उन्हें बेहतर शर्तें मिलती हैं क्योंकि ऋणदाता के लिए जोखिम कम होता है।’
मुथूट के साथ इस साझेदारी के तहत गूगल पे ऋण देना और आवेदन लेना शुरू करेगी जबकि ऋणदाता अंडरराइटिंग और संग्रह के लिए जिम्मेदार होगा।