क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म कॉइनडीसीएक्स कथित सुरक्षा उल्लंघन से हुए पूरे 4.4 करोड़ डॉलर के नुकसान को इस वित्त वर्ष में अपनी बैलेंस शीट में शामिल करेगा। कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ सुमित गुप्ता ने कहा कि यह कंपनी के लगभग तीन से चार महीने के राजस्व के बराबर है।
19 जुलाई को दर्ज यह चोरी किसी भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज में सुरक्षा उल्लंघन का दूसरा मामला है। पिछले साल जुलाई में वज़ीरएक्स में कथित सुरक्षा सेंध लगी थी जिससे 23 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था।
गुप्ता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, हमने अपनी बैलेंस शीट में (चोरी हुई) रकम को शामिल कर लिया है। हमारी बैलेंस शीट मज़बूत है। यह हमारे तीन से चार महीने के राजस्व के बराबर है। कारोबार सामान्य रूप से चल रहा है।
गुप्ता ने कहा कि प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों की रकम से कोई समझौता नहीं हुआ क्योंकि वे कोल्ड वॉलेट इन्फ्रास्ट्रक्चर पर रखे गए थे। कोल्ड वॉलेट सुरक्षा को बेहतर बनाते हैं क्योंकि वे इंटरनेट से जुड़े नहीं होते और भौतिक, हार्डवेयर आधारित उपकरणों पर आधारित होते हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ-साथ कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस उल्लंघन की जांच कर रही हैं। शुरुआती निष्कर्षों से पता चला है कि यह एक सोशल इंजीनियरिंग हमला था।
कंपनी ने पिछले साल क्रिप्टो इन्वेस्टर प्रोटेक्शन फंड (सीआईपीएफ) बनाया था जिसका कुल कोष जून 2025 तक 60.08 करोड़ रुपये था। हालांकि चोरी गई राशि की भरपाई इस कोष से नहीं की जाएगी क्योंकि ग्राहकों के फंड पर असर नहीं पड़ा है। इसके बजाय नुकसान वाली रकम कंपनी की ट्रेजरी से रिकवर की जाएगी।
डीसीएक्स समूह भारत में कॉइनडीसीएक्स, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन में बिटओएसिस और ओक्टो जैसी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है।
इस बीच, गुप्ता ने स्पष्ट किया कि कंपनी पूंजी जुटाने या क्रिप्टो फर्म को बेचने के लिए किसी भी कंपनी या निवेशक के साथ सक्रिय बातचीत नहीं कर रही थी। उन्होंने कहा कि कंपनी का मूल्यांकन करीब 2.5 अरब डॉलर था जो 2022 में आखिरी बार पूंजी जुटाने पर 2.2 अरब डॉलर से अधिक था। कॉइनडीसीएक्स ने अब तक 2,144 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब ऐसी खबरें आ रही हैं कि अमेरिकी कंपनी कॉइनबेस 1 अरब डॉलर से कम के मूल्यांकन पर कॉइनडीसीएक्स का अधिग्रहण करने के लिए बातचीत कर रही है।