अल्पावधि में विभिन्न समस्याएं होने के बावजूद बड़ी सूचीबद्ध रियल एस्टेट कंपनियां वित्त वर्ष 2023 में दो अंक की वृद्धि दर्ज कर सकती हैं, क्योंकि उनकी बिक्री की रफ्तार मजबूत रही है, बाजार भागीदारी सुधरी है, और कर्ज भी घटा है। इसके अलावा नई परियोजनाओं के प्रवाह में सुधार आया है
प्रमुख 10 सूचीबद्ध डेवलपरों ने शानदार जनवरी-मार्च तिमाही के समापन में ये आंकड़े दर्ज किए हैं और उन्हें मजबूत बुकिंग और सुधरते संग्रह से मदद मिली है।
एलारा सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष एवं विद्युत विश्लेषक रूपेश सांखे का कहना है कि बिक्री में सुधार को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2022 में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि डेल्टा औरओमीक्रोन वैरिएंट, रूस-यूक्रेन युद्ध तथा इससे पैदा हुई मुद्रास्फीति की समस्या तथा ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद दर्ज की गई।
उनका कहना है कि जहां रियल एस्टेट कंपनियों द्वारा लागत वृद्धि के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए कीमतों में 5-7 प्रतिशत की वृद्धि की गई, वहीं बढ़ते आय स्तरों, कम ब्याज दरों और अनुकूल जनसांख्यिकी से मजबूत किफायत सुनिश्चित हुई।
वित्त वर्ष 2022 में नई पेशकशें 36 प्रतिशत बढ़कर 4.5 करोड़ वर्ग फुट हो जाने के बाद प्रमुख डेवलपर अब इसे बढ़ाकर चालू वित्त वर्ष में 7 करोड़ वर्ग फुट पर पहुंचाने की संभावना देख रहे हैं, जो 55 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
मजबूत आधार, नई पेशकशों, बढ़ती निर्माण लागत, और ब्याज दरों के साथ इसे लेकर भी चिंताएं थीं कि क्या संयुक्त प्रभाव से मजबूत बिक्री वृद्धि और रियल एस्टेट में तेजी की रफ्तार थम जाएगी।
लेकिन विश्लेषक इसे लेकर ज्यादा चिंतित नजर नहीं आ रहे हैं।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) का मानना है कि यह प्रभाव महसूस नहीं किया जा सकता। ब्रोकरेज के प्रीतेश सेठ और सौरभ गिल्डा का कहना है, ‘निर्माण लागत 12-15 प्रतिशत बढ़ी है जिससे 3-6 प्रतिशत से ज्यादा के मामूली प्रभाव को बढ़ावा मिल रहा है। औसत तौर पर कंपनियों ने 5-8 प्रतिशत तक कीमतें बढ़ाई हैं और लागत वृद्धि के बड़े भार का सामना किया है।’
इसके अलावा, इस्पात कीमतों में ऊंचे स्तरों से 15 प्रतिशत की गिरावट आई है जिससे बड़ी रियल्टी कंपनियों की लागत और मार्जिन दबाव को कम करने में मदद मिलेगी। उनका कहना है कि जहां 8 प्रतिशत से कम मॉर्गेज से कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, और इसके पीछे कोई कारक कुछ और तिमाहियों के लिए मांग को बढ़ावा दे सकता है।
वे ऐसी कंपनियों को पसंद कर रहे हैं जो अपने ऑर्डर प्रवाह के विकास में अगले तीन से पांच साल के दौरान शानदार नकदी प्रवाह में सक्षम हो सकती हैं जिससे वृद्धि की संभावना को बढ़ावा मिल रहा है और उनके शेयरों की रेटिंग में बदलाव आ सकता है।एमओएसएल के प्रमुख पसंदीदा शेयर हैं मैक्रोटेक डेवलपर्स (पूर्व में लोढा डेवलपर्स के नाम से चर्चित) और ओबरॉय रियल्टी।
ब्रोकरेज ने गोदरेज प्रॉपर्टीज और डीएलएफ पर न्यूट्रल रेटिंग दी है।
दलाल पथ के लिए अन्य चिंता है नई पेशकशों की संख्या में इजाफा करना और आपूर्ति बढ़ाना। इसका असर कीमतों पर देखा जा सकता है।
कोटक सिक्योरिटीज की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022 के 9 महीनों के लिए 11,000 करोड़ रुपये के बड़े प्रीमियम भुगतान को देखते हुए मुंबई बाजार में आपूर्ति संबंधित चिंताएं बरकरार हैं और यह आंकड़ा अनिश्चित हो सकता है।
इसमें पहले से ही पेश/निर्माणाधीन और अन्य परियोजना विकास, जैसे कार्यालय, रिटेल और होटलों के लिए चुकाए जाने वाले प्रीमियम के लिए राशि शामिल है। इसके अलावा, जनवरी से डेटा से नई पेशकशों में जयादा बदलाव का संकेत नहीं मिलता है और अप्रैल तक क्रिी 1.75 करोड़ वर्ग फुट बढ़ी और नई पेशकशें 1.3 करोड़ वर्ग फुट को पार कर गईं।
विभिन्न समस्याओं और कीमत वृद्धि के बाद भी सूचीबद्ध डेवलपरों की बाजार भागीदारी 20 प्रतिशत को पार कर गई है क्योंकि इसे सुधर और पिछले साल बिक्री वृद्धि से मदद मिली। रियल एस्टेट सेवा कंपनी एनारॉक के अनुसार, कंपनियों की महामारी-पूर्व (2019-20) भागीदारी 14-15 प्रतिशत के दायरे में थी।
आईआईएफएल रिसर्च के मोहित अग्रवाल और सात्विक शेट्टी का कहना है कि जहां निर्माण की ऊंची लागत और ब्याज दर वृद्धि का वित्त वर्ष 2023 में उद्योग की मांग पर दबाव पड़ने की आशंका है, वहीं इनसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों के समेकन में तेजी आ सकती है।
बढ़ती निर्माण और ब्याज दरों को देखते हुए, आईआईएफएल रिसर्च ने तैयार एवं गैर बिकी हुई इन्वेंट्री, मजबूत परिचालन नकदी प्रवाह मार्जिन और कम कर्ज वाली कंपनियों को पसंद किया है।
अपने स्वयं के और सस्ते भूमि बैंक के साथ डीएलएफ और मैक्रोटेक वित्त वर्ष 2023 में अच्छी स्थिति में हैं।
