इंदौर नगर निगम (IMC) के ग्रीन बॉन्ड को पहले दिन शुक्रवार को 5.42 गुना आवेदन मिले और कुल 661.52 करोड़ रुपये की बोली हासिल हुई। IMC इस बिक्री से 244 करोड़ रुपये जुटाना चाहता है और इसका मूल आकार 122 करोड़ रुपये है। इसके अलावा 122 करोड़ रुपये मूल्य के ज्यादा आवेदन को बरकरार रखने की इजाजत है। इश्यू 14 फरवरी को बंद होगा।
IMC ने एक वक्तव्य में कहा, इश्यू के मूल आकार के मुताबिक देखें तो संस्थागत श्रेणी में सबसे अधिक 7.52 गुना आवेदन मिले, कॉरपोरेट श्रेणी में 6.62 गुना, खुदरा श्रेणी में 4.16 गुना और एचएनआई श्रेणी में 3.39 गुना आवेदन मिले।
संस्थागत और कॉरपोरेट श्रेणी के निवेशकों ने क्रमश: 229.35 करोड़ और 201.86 करोड़ रुपये जुटाए। खुदरा और एचएनआई श्रेणी में क्रमश: 126.99 करोड़ रुपये और 103.31 करोड़ रुपये की बोली हासिल हुई।
इन बॉन्ड के अलग-अलग हिस्सों की परिपक्वता अवधि तीन वर्ष, पांच वर्ष, सात वर्ष और नौ वर्ष है। पहले तीन का प्रभावी प्रतिफल 8.41 फीसदी और नौ वर्ष अवधि के लिए यह 8.42 फीसदी है। IMC ने कहा है कि वह इस फंड का इस्तेमाल इंदौर शहर से 80 किलोमीटर दूर स्थित जालूद वाटर पंपिंग स्टेशन पर 60 मेगावॉट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए करेगा।
मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय निरंतर ग्रीन बॉन्ड जुटाने के लिए प्रयासरत हैं। इंदौर के अलावा भोपाल नगर निगम की योजना भी ग्रीन बॉन्ड के जरिये नई सौर एवं पवन ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने का है। प्रदेश के ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) विभाग के मुख्य सचिव संजय दुबे ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि प्रदेश सरकार अपनी ओर से कम निवेश करते हुए भी हरित ऊर्जा बदलाव की दिशा में प्रभावी ढंग से बढ़ना चाहती है। ग्रीन बॉन्ड इसमें मददगार साबित होंगे।