facebookmetapixel
RBI का राज्यों को संकेत, बढ़ती बॉन्ड यील्ड के बीच बाजार उधारी को टालने की दी सलाहUPL के मजबूत तिमाही नतीजों से शेयर 1.7% चढ़ा, एडवांटा और लैटिन अमेरिकी बाजारों ने दिखाया दमराष्ट्रीय राजमार्गों के टोल नियमों में होगा बड़ा बदलाव, नीति आयोग और IIT दिल्ली मिलकर तय करेंगे नए बेस रेटPM Internship Scheme में होंगे बड़े बदलाव, युवाओं के लिए योग्यता मानदंड शिथिल करने पर विचारबाजार हलचल: FPI की बिकवाली से सूचकांकों पर दबाव, IPOs के लिए हलचल वाला हफ्ताअनुसूची ‘M’ का पालन न करने वाली दवा कंपनियों पर नियामकीय कार्रवाई तय, CDSCO ने राज्यों को दिए निर्देशभारत के ईवी बाजार में त्योहारी जंग, टेस्ला और विनफास्ट में कड़ा मुकाबलाHAL बनाएगा नया R&D मैन्युअल, एरोस्पेस तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदमअपोलो हॉस्पिटल्स ने तय किया FY27 की चौथी तिमाही तक पुनर्गठन पूरा करने का लक्ष्यस्वास्थ्य सेवा के हर पहलू में हलचल मचाएगी तकनीक: देवी प्रसाद शेट्टी

FY24 में बैंकों के पास रहे पूंजी के मजबूत आधार, टियर 1 औऱ टियर 2 बॉन्ड से जुटाई रकम हुई आधी

बॉन्ड मार्केट के डीलर ने कहा कि यह स्थिर दर के तरीके हैं और उधारी देने वाला ब्याज दर कम होने के दौर में दीर्घावधि तक अपने को उच्च ब्याज दर पर बांधना नहीं चाहता है।

Last Updated- April 03, 2024 | 9:44 PM IST
Bonds

वित्त वर्ष 24 में टियर 1 और टियर 2 बॉन्ड से धन जुटाने में तेजी से गिरावट आई है। बैंकों ने 31 मार्च, 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में पूंजी पर्याप्तता के मजबूत आधार और उच्च ब्याज दरों के कारण इस मद से कम धन जुटाया है। प्राइम डेटाबेस के मुताबिक बैंकों ने वित्त वर्ष 24 में टियर 1 (एटी 1) बॉन्ड से करीब 17,516 करोड़ रुपये जुटाए। यह राशि वित्त वर्ष 23 की तुलना में 49.8 प्रतिशत कम है।

देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक ने वित्त वर्ष 24 में अधिकतम राशि (8,101 करोड़ रुपये) के टियर 1 बॉन्ड जारी किए थे। इस क्रम में एटी 1 बॉन्ड जारी करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य प्रमुख ऋणदाता – पंजाब नैशनल बैंक और केनरा बैंक थे।

एक बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीते दो वर्षों में बैंकों की बढ़ी हुई लाभप्रदता के कारण आंतरिक संचय ने पिछले दो वर्षों में पूंजी पर्याप्तता में सुधार किया है।

लिहाजा एटी 1 और एटी 2 बॉन्ड जैसे ऋण पूंजी के बाहरी सहयोग पर निर्भरता कम रही। इसके अलावा निवेशकों की एटी 1 बॉन्ड में कम रुचि थी। दरअसल, निजी ऋणदाता येस बैंक ने वर्ष 2020 में अपनी खराब होती आर्थिक स्थिति के कारण इस तरीके से जुटाई राशि को बट्टे खाते में डाल दिया था।

बॉन्ड मार्केट के डीलर ने कहा कि यह स्थिर दर के तरीके हैं और उधारी देने वाला ब्याज दर कम होने के दौर में दीर्घावधि तक अपने को उच्च ब्याज दर पर बांधना नहीं चाहता है।

केयर रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही की बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा पर कहा था कि अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों का औसत पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) सालाना आधार पर 18 आधार अंक गिर गया था। यह दिसंबर, 2023 की समाप्ति पर 15.9 प्रतिशत था। हालांकि यह विनियमन की आवश्यकता 11.5 प्रतिशत से अधिक रहने के कारण सहज स्थिति में था। लिहाजा स्थिर स्थिति इंगित हुई।

रेटिंग एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि बेहतर सीएआर के अलावा एटी 1 बॉन्ड में कॉल ऑप्शन उपलब्ध होने के कारण वित्त वर्ष 24 में ये गिरकर 11,900 करोड़ रुपये पर आ गए। इसलिए इन बॉन्ड की जगह नए बॉन्ड जारी करने की कम मांग थी।

वित्त वर्ष 24 में बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने टियर 2 बॉन्ड से भी बीते वर्ष की इस अवधि की तुलना में आधी राशि जुटाई। वित्त वर्ष 24 में बैंकों व गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने टियर 2 बॉन्ड से 24,529 करोड़ रुपये जुटाए गए थे जबकि वित्त वर्ष 23 में 49,763 करोड़ रुपये जुटाए थे। प्राइम डेटाबेस के अनुसार एसबीआई ने टियर 2 बॉन्ड से सबसे अधिक 10,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। टियर 2 बॉन्ड के दो अन्य जारीकर्ता बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नैशनल बैंक थे।

First Published - April 3, 2024 | 9:44 PM IST

संबंधित पोस्ट