ब्याज दरें बढ़ने के साथ वित्त कंपनियों के फंड की लागत चालू वित्त वर्ष में 85 से 105 आधार अंक (बीपीएस) बढ़ने की संभावना है। क्रिसिल के मुताबिक उनके 18 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की लागत फिर से निर्धारित होने वाली है।
बहरहाल गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का कुल मिलाकर मुनाफा स्थिर रहने की उम्मीद है, जिसे क्रेडिट लागत में कमी से सहारा मिलेगा। कर्ज की लागत पिछले 2 साल से बढ़ती रही है, जिसमें इस वित्त वर्ष में कमी आ सकती है क्योंकि ज्यादातर एनबीएफसी के पास पर्याप्त मात्रा में प्रॉविजनिंग बफर है। इसकी वजह से ज्यादा ब्याज दर का मुनाफे पर पड़ने वाला विपरीत असर कुछ कम रह सकती है।
क्रिसिल की रेटिंग राडार के तहत एनबीसी के एक विश्लेषण के मुताबिक 31 मार्च तक 15 लाख करोड़ रुपये कर्ज की दरें इस वित्त वर्ष में फिर से तय होनी हैं। इसके अलावा कर्ज लेने में संभावित वृद्धि के कारण 3 लाख करोड़ रुपये कर्ज बढ़ सकता है।
