बैंकों द्वारा दिसंबर में सर्टिफिकेट आफ डिपॉजिट से जुटाया गया धन 2023-24 में सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है, क्योंकि व्यवस्था में नकदी की तंग स्थिति बनी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को 2.01 लाख करोड़ रुपये डाले हैं, जो चालू वित्त वर्ष में सर्वाधिक है।
बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की कमी सोमवार को बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई। बाजार हिस्सेदारों ने कहा कि इसकी वजह अग्रिम कर जमा करने के लिए धन निकासी है। दिसंबर में अग्रिम कर और जीएसटी भुगतान के कारण कुल 4 लाख करोड़ रुपये निकले हैं।
चालू तिमाही में नकदी की स्थिति ज्यादातर घाटे में ही रही है। नकदी की तंग स्थिति के कारण बैंकों को धन जुटाने के लिए सर्टिफिकेट आफ डिपॉजिट का सहारा लेना पड़ा है। दिसंबर में 83,870 करोड़ रुपये के सीडी जारी हुए और क्लियरिंग कॉर्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल)के आंकड़ों के मुताबिक यह चालू वित्त वर्ष में सर्वाधिक है। मार्च के बाद दिसंबर में 8 महीनों में सर्वाधिक सीडी जारी हुए है। सीडी कम अवधि के लिए ऋण लेने का साधन है, जिसका इस्तेमाल बैंक धन जुटाने के लिए करते हैं।
बाजार हिस्सेदारों को उम्मीद है कि इस माह के अंत तक नकदी की कमी घट जाएगी।
जेएम फाइनैंशियल में मैनेजिंग डायरेक्टर और हेड (इंस्टीट्यूशनल फिक्स्ड इनकम) अजय मंगलुनिया ने कहा, ‘अब के बाद से नकदी की स्थिति सामान्य हो सकती है और बाजार को उम्मीद है कि रिजर्ब बैंक वीआरआर नीलामी के माध्यम से और नकदी डाल सकता है।’
शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने 6 महीने के बाद वीआरआर नीलामी का आयोजन किया है। अधिसूचित राशि 1 लाख करोड़ रुपये के एवज में केंद्रीय बैंक को 7 दिन के वैरिएबल रीपो रेट (वीआरआर) नीलामी पर 2.7 लाख करोड़ रुपये की बोली मिली। बैंकों ने 6.63 प्रतिशत भारित औसत दर पर उधारी ली। इसके पहले पिछली बार केंद्रीय बैंक ने 19 जून को वीआरआर नीलामी का आयोजन किया था।
डीलरों का कहना है कि बाजार में बढ़ी हुई काल रेट और ट्राई-पार्टी रीपो (ट्रेप्स) दरों के कारण भी मांग में बढ़ोतरी हुई है।
बाजार हिस्सेदारों का अनुमान है कि वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (VRRR) में बदलाव और सरकार के व्यय जैसी वजहों से नकदी की कमी की स्थिति घट सकती है।
एक प्राइमरी डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘अभी जीएसटी के कारण धन निकल रहा है। यह माह के अंत तक सरकार का व्यय बढ़ने पर सामान्य स्थिति आने के पहले अभी और बढ़ सकता है।’