वित्त मंत्रालय ने स्वामी (किफायती और मध्यम आय आवास के लिए विशेष विंडो) निवेश कोष द्वितीय के लिए 29 सितंबर को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह सरकार के 2019 में रियल इस्टेट के दबाव को कम करने के लिए शुरू किए गए कोष की श्रृंखला में उठाया गया कदम है।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव और वित्तीय सेवा विभाग के सचिव संयुक्त रूप इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसमें सभी प्रमुख सार्वजनिक बैंकों के सीएमडी/एमडी, एलआईसी और चुनिंदा निजी ऋणदाता हिस्सा लेंगे।’
सूत्र ने बताया कि बैठक का एजेंडा स्वामी कोष 1 से सीख लेना है। स्वामी कोष-1 को फंसी हुई आवासीय परियोजनाओं के अंतिम छोर तक कोष मुहैया करवाने के लिए स्थापित किया गया था। बैठक के नए कोष के डिजाइन, ढांचे और धन जुटाने के तरीके को भी अंतिम रूप दिया जाना है। अधिकारी ने बताया, ‘चर्चा मुख्य रूप से दो केंद्रों पर केंद्रित होंगी : स्वामी निवेश कोष प्रथम में निवेश के अनुभव व नीतिगत मुद्दों से संबंधित और प्रस्तावित कोष द्वितीय का मुख्य रूप से डिजाइन, ढांचा, निवेश के मानदंड।’
सरकार ने केंद्रीय बजट 2025-26 में स्वामी कोष द्वितीय की स्थापना की घोषणा की थी। इस कोष में वित्तीय मदद की सुविधा के अलावा केंद्र, बैंकों व निजी निवेशकों का योगदान का समिश्रण है। इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये से कोष का गठन करने का प्रस्ताव दिया गया था। इस कोष का ध्येय प्रथम स्वामी कोष की सफलता के बाद एक लाख अतिरिक्त आवासीय इकाइयों को शीघ्रता से पूरा करना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2025 के केंद्रीय बजट भाषण में कहा था, ‘स्वामी के तहत फंसी हुई आवासीय योजनाओं की 50 हजार इकाइयां पूरी हो चुकी हैं और घर खरीदारों को मकानों की चाबी सुपुर्द कर दी गई हैं। अन्य 50 हजार इकाइयां 2025 तक पूरी हो जाएंगी। इससे बैंक ऋण पर ईएमआई का भुगतान करने और इसके अलावा रहने वाले मकान का किराया अदा करने वाले मध्यम आय परिवारों को मदद मिलेगी।’
बैठक में भारतीय स्टेट बैंक, एलआईसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नैशनल बैंक और अन्य के अलावा एसबीआई वेंचर्स को बुलाया गया है।