पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को बताया कि भारत ने हाल में संपन्न कॉप 30 के सभी लक्ष्यों को हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि उद्योग को हाल में घोषित रेयर अर्थ परमानेंट मैन्युफैक्चरिंग (आरईपीएम) योजना में हिस्सा लेना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘कॉप 30 भारत की अपेक्षाओं पर पूरी तरह खरा उतरा है।’ उन्होंने इंगित किया कि सहमति से 29 फैसलों को स्वीकार किया गया। यह विभिन्न मुद्दों पर भारत के रुख को दर्शाता है। भारत के इन मुद्दों में जलवायु वित्त व एकतरफा व्यापार उपायों से लेकर तकनीकी सहायता व न्यायसंगत परिवर्तन तक हैं। हमने विकासशील देशों की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के लिए उचित तकनीकी कार्यान्वयन कार्यक्रमों की स्थापना सुनिश्चित की है।
कॉप 30 ने न्यायसंगत परिवर्तन के लिए संस्थागत व्यवस्था स्थापित की है। यह विकासशील देशों की विशिष्ट जरूरतों और प्राथमिकताओं को मान्यता देती है। भारत ने विकासशील देशों में कमजोर आबादी पर बढ़ते जलवायु प्रभावों का सामना करने में मदद करने के लिए वैश्विक समर्थन बढ़ाने पर जोर दिया।