भारत और रूस इस बात की संभावनाएं तलाश रहे हैं कि क्या रूसी डिजाइन के परमाणु लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) का स्थानीय स्तर पर उत्पादन किया जा सकता है। परमाणु ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को संसद में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि बड़े और छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए परियोजनाओं का विकास एवं परमाणु ईंधन आपूर्ति में सहयोग समेत परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग और रोसाटॉम के बीच एक बैठक हुई है। सिंह ने कहा, ‘बैठक में विशेष रूप से भारत में उपकरणों के उत्पादन के अवसर तलाशने पर अधिक ध्यान दिया गया। संबंधित तमाम मुद्दों के साथ भारत में रूसी डिजाइन के छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों का निर्माण करने पर भी बातचीत हुई।’
सरकार ने केंद्रीय बजट 2025-26 में परमाणु ऊर्जा मिशन की घोषणा की थी, जिसमें 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2033 तक पांच स्वदेशी एसएमआर के विकास और उनकी तैनाती पर जोर दिया गया। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) ने पहले ही 200 मेगावाट भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर-200), 55 मेगावाट लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर-55) और हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 5 मेगावाट थर्मल हाई टेम्परेचर गैस कूल्ड रिएक्टर पर डिजाइन और विकास कार्य शुरू कर दिया है।
सिंह ने संसद को बताया, ‘प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए विभाग साइट पर इन रिएक्टरों की प्रमुख इकाइयों का निर्माण करने का प्रस्ताव है। परियोजना की स्वीकृति मिलने के बाद प्रदर्शन रिएक्टरों का निर्माण 60 से 72 महीनों में होने की संभावना है।’