facebookmetapixel
Infosys Q2 Results: जानिए कब आएंगे नतीजे और क्या डिविडेंड मिलेगा, जानें सब कुछNPS से UPS में करना है स्विच? 30 सितंबर है आखिरी तारीख, ऐसे करें अपना फॉर्म जमा5 साल में 1100% से ज्यादा रिटर्न देने वाला Energy Stock देगा बोनस शेयर, रिकॉर्ड डेट तयPEL और PFL का विलय तय, रिकॉर्ड डेट को लेकर निवेशकों के लिए बड़ा अपडेटStock Market Update: बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 150 अंक टूटा, निफ्टी 25300 के नीचे फिसला; H1-B वीजा नियमों से IT Stocks लुढ़केStocks To Buy Today: एनालिस्ट ने सुझाए ये 3 शेयर, जो आने वाले हफ्तों में दे सकते हैं भारी मुनाफाUpcoming IPO: इस हफ्ते रहेगा आईपीओ का जलवा! 19 SME और 12 मेनबोर्ड इश्यू खुलेंगेStocks To Watch Today: PNC Infratech, RailTel, Lupin समेत कई कंपनियों के स्टॉक्स पर रहेगी नजरH1-B वीजा के नए नियमों से आईटी सेक्टर में घबराहट, भारतीय पेशेवरों और छात्रों में हड़कंपडीलरों के पास 5 लाख कारों का बिना बिका स्टॉक, जीएसटी नई दरों से कारें हुईं सस्ती

आईडीबीआई बैंक के निजीकरण का मामला, तीसरी तिमाही में लगेगी बोली 

सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने आईडीबीआई बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है।

Last Updated- August 01, 2025 | 10:15 PM IST
Dividend Stock: मार्च 2025 तिमाही में बैंक का नेट प्रॉ​फिट 26 फीसदी उछलकर 2,051.2 करोड़ रुपये हो गया।

निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को 2025-26 की तीसरी तिमाही में आईडीबीआई बैंक के लिए वित्तीय बोली आमंत्रित किए जाने की उम्मीद है। दीपम के सचिव अरुणीश चावला ने मीडिया के चुनिंदा लोगों से शुक्रवार को बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। 

चावला ने कहा, ‘आईडीबीआई बैंक के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। रुचि लेने वाले सभी पक्षों के लिए डेटा रूम प्रोटोकॉल पूरा हो चुका है। औपचारिक परामर्श किया जा चुका है। हम वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में इसके लिए बोली आमंत्रित किए जाने की उम्मीद कर रहे हैं।’उन्होंने आगे कहा कि दीपम उम्मीद कर रहा है कि दिसंबर 2025 तक वित्तीय बोली प्राप्त हो जाएगी और इस सौदे का लेनदेन वित्त वर्ष 2026 में पूरा कर लिया जाएगा। 

सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने आईडीबीआई बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है। आईडीबीआई में एलआईसी के 49.24 प्रतिशत और सरकार के 45.48 प्रतिशत शेयर हैं। वित्त वर्ष 2017 के केंद्रीय बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि आईडीबीआई में हिस्सेदारी घटाकर 50 प्रतिशत से नीचे लाए जाने पर विचार चल रहा है।  अक्टूबर 2022 में रुचि पत्र आमंत्रित करने के लिए प्राथमिक सूचना ज्ञापन आया था। 

हिस्सेदारी बेचने को सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति के लिए एक परीक्षण के रूप में देखा जा रहा है, ताकि व्यवसाय में सरकार की मौजूदगी घटाई जा सके। सरकार को 2 जनवरी, 2023 को कई बोलीकर्ताओं की ओर से रुचि पत्र (ईओआई) मिले थे। रिजर्व बैंक की मंजूरी मिलने के बाद पात्र बोलीकर्ता बैंक के साथ अपनी औपचारिकताएं पूरी करेगा। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के बारे में चावला ने कहा कि आवेदन प्रस्ताव (आरएफपी) की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति हो गई है और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थान अगले 3 से 5 साल के दौरान कभी भी अपनी हिस्सेदारी बेच सकते हैं। 

फरवरी 2025 में सरकार ने चुनिंदा सार्वजनिक बैंकों (पीएसबी) और सूचीबद्ध सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों (पीएफआई) में हिस्सेदारी घटाने की प्रक्रिया तेज करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। दीपम ने बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (बीआरएलएम), मर्चेंट बैंकर्स-कम-सेलिंग ब्रोकर्स (एमबीएसबी) और कानूनी सलाहकारों के पैनल के लिए अनुरोध प्रस्ताव (आरपीएफ) जारी किया। सेबी के मानकों के मुताबिक सूचीबद्ध इकाइयों के लिए प्रमोटरों की हिस्सेदारी घटाकर 75 प्रतिशत से कम रखना अनिवार्य है।  इस समय 5 सरकारी बैंकों, इंडियन ओवरसीज बैंक (94.61 प्रतिशत), यूको बैंक (90.95 प्रतिशत), पंजाब ऐंड सिंध बैंक (93.85 प्रतिशत), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (89.27 प्रतिशत) और  बैंक ऑफ महाराष्ट्र (79.6 प्रतिशत) में प्रवर्तक की हिस्सेदारी सेबी के मानकों से अधिक है, जिनमें न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता 25 प्रतिशत से अधिक करना अनिवार्य किया  गया है।

First Published - August 1, 2025 | 10:15 PM IST

संबंधित पोस्ट