केनरा बैंक ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026) के पहले एटी1 इश्युएंस के माध्यम से 7.55 प्रतिशत ब्याज दर पर शुक्रवार को 3,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
साथ ही टेलीकॉम दिग्गज भारती एयरटेल की होल्डिंग कंपनी भारती टेलीकॉम ने 24 महीने और 38 महीने की मेच्योरिटी वाले बॉन्डों के माध्यम से 8,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिनकी सालाना कूपन दर क्रमशः 7.30 प्रतिशत और 7.40 प्रतिशत है।
इस धनराशि का इस्तेमाल आने वाली डेट मेच्योरिटी के भुगतान के लिए होगा। अक्टूबर में भारती टेलीकॉम ने 2 साल और 3.5 साल की मेच्योरिटी वाले बॉन्डों के माध्यम से 10,500 करोड़ रुपये जुटाए थे, जिसकी सालाना कूपन दर क्रमशः 7.35 प्रतिशत और 7.45 प्रतिशत थी।
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केनरा बैंक के एटी1 इश्युएंस का बेस साइज 1,500 करोड़ रुपये और ग्रीन शू ऑप्शन 2,000 करोड़ रुपये था। यह करीब एक साल में बैंक का पहला इश्युएंस है। भारतीय स्टेट बैंक ने पिछले साल अक्टूबर में एटी1 बॉन्डों के माध्यम से 7.98 प्रतिशत कूपन दर 5,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। एटी1 बॉन्ड इक्विटी की तरह गुण वाले होते हैं, जिनके माध्यम से बैंक अपनी मुख्य इक्विटी पूंजी बढ़ाते हैं।
इस वित्त वर्ष की शुरुआत से ही व्यापक रूप से बैंक घरेलू ऋण पूंजी बाजार से गायब रहे हैं, जिससे कुल मिलाकर कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार पर विपरीत असर पड़ा है।
हाल में बैंकों ने बॉन्ड जारी करने की दिशा में कदम बढ़ाया है और खासकर टियर-2 बॉन्ड जारी हुएहैं। भारतीय स्टेट बैंक ने पिछले अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में टियर-2 बॉन्ड के माध्यम से रिकॉर्ड 6.93 प्रतिशत कूपन दर पर 7,500 करोड़ रुपये जुटाए। इस सप्ताह की शुरुआत में आईसीआईसीआई बैंक ने टियर-2 बॉन्डों के माध्यम से 7.4 प्रतिशत पर 3,945 करोड़ रुपये जुटाए।
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देश के तीसरे बड़े प्राइवेट बैंक, ऐक्सिस बैंक ने भी इस सप्ताह बाजार में संभावना तलाशी और 10 साल के इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्डों के माध्यम से 7.27 प्रतिशत ब्याज पर 5,000 करोड़ रुपये जुटाए। इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और पंजाब नैशनल बैंक भी इस साल टियर-2 बॉन्डों से धन जुटाने पर विचार कर रहे हैं।