Bank Q3 Results: निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक का एकल आधार पर शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर, 2023) में बढ़कर 16,373 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बैंक ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बैंक का बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में शुद्ध लाभ 12,259 करोड़ रुपये रहा था।
एचडीएफसी बैंक ने एक्सचेंजों को बताया कि एकल आधार पर उसकी कुल आमदनी आलोच्य तिमाही में 81,720 करोड़ रुपये रही, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 51,208 करोड़ रुपये रही थी।
बैंक का मुनाफा एकीकृत आधार पर बढ़कर 17,718 करोड़ रुपये रहा था, जो अक्टूबर-दिसंबर, 2022 में 12,735 करोड़ रुपये रहा था। समीक्षाधीन तिमाही में एकीकृत आधार पर बैंक की कुल आमदनी 1,15,015 करोड़ रुपये हो गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 54,123 करोड़ रुपये थी। संपत्ति गुणवत्ता मामले में, बैंक के कुल कर्ज पर सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) दिसंबर, 2023 तिमाही में मामूली बढ़कर 1.26 फीसदी रहीं, जो दिसंबर, 2022 तिमाही में 1.23 फीसदी थीं। हालांकि, इस दौरान बैंक का शुद्ध एनपीए 0.31 फीसदी रह गया, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 0.33 फीसदी था।
निजी क्षेत्र के ऋणदाता फेडरल बैंक का शुद्ध लाभ तीसरी तिमाही में 25 प्रतिशत बढ़कर 1006.74 करोड़ रुपये हो गया। अन्य आय में मजबूत वृद्धि से बैंक को मुनाफे में मदद मिली। तिमाही आधार पर मुनाफा दूसरी तिमाही के 954 करोड़ रुपये से 5.53 प्रतिशत तक बढ़ा है। बैंक की अन्य आय 534 करोड़ रुपये के मुकाबले 61.53 प्रतिशत बढ़कर 862.56 करोड़ रुपये हो गई।
शुद्ध ब्याज आय सालाना आधार पर 8.51 प्रतिशत बढ़कर 2,123 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,956.53 करोड़ रुपये थी। बैंक की कुल आय 32.72 प्रतिशत तक बढ़कर 6,592.66 करोड़ रुपये हो गई।
फेडरल बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता पर दबाव देखा गया, क्योंकि सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) दूसरी तिमाही के 2.26 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 2.29 प्रतिशत पर पहुंच गईं। दिसंबर तिमाही के दौरान बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) घटकर 3.19 प्रतिशत रह गया, जो वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 3.55 प्रतिशत था। मुख्य तौर पर सख्त तरलता हालात और जमाओं की ऊंची लागत से एनआईएम पर दबाव पड़ा।
बैंक की जमाएं सालाना आधार पर 19 प्रतिशत बढ़कर 2.39 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं जबकि ऋण 18 प्रतिशत तक बढ़कर 1.99 लाख करोड़ रुपये हो गया। बैंक ने नए मुख्य कार्याधिकारी का नाम आरबीआई को मई के शुरू तक सौंपे जाने की योजना बनाई है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र का शुद्ध लाभ दिसंबर में समाप्त तिमाही में सालाना आधार पर 34 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,036 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसे शुद्ध ब्याज आय में खासी बढ़त व स्थिर परिसंपत्ति गुणवत्ता से सहारा मिला। क्रमिक आधार पर बैंक का लाभ सितंबर तिमाही के 920 करोड़ रुपये से मामूली बढ़ा। दिसंबर के आखिर में बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 16.85 फीसदी रहा और टियर-1 अनुपात 11.56 फीसदी रहा।
बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी ए एस राजीव ने कहा कि मौजूदा पूंजी आधार सहज है और नियामकीय अनिवार्यता से काफी ऊपर भी। बैंक की अतिरिक्त पूंजी जुटाने की योजना नहीं है। बैंक ने पात्र संस्थागत नियोजन से 1,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी और टियर-2 बॉन्डों के जरिये 774 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
बैंक की शुद्ध ब्याज आय दिसंबर तिमाही में 24.56 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2,466 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जो पिछले साल की समान अवधि में 1,980 करोड़ रुपये थी। बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन इस दौरान बढ़कर 3.95 फीसदी पर पहुंच गया।