चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए आज सुबह जब वोटों की गिनती शुरू हुई तो एक-डेढ़ घंटे के भीतर ही राजनीतिक विश्लेषकों के दावे धरे रह गए और दो दिन पहले आए एक्जिट पोल के अनुमान तीर के बजाय तुक्का साबित हो गए। जिस मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ताविरोधी रुझानों के बीच महज जीतता बताया जा रहा था वह दो-तिहाई से अधिक बहुमत लाती दिख रही है।
जिस राजस्थान में कांग्रेस को आगे बताया जा रहा था, वहां भी भाजपा बहुमत से काफी अधिक सीटें लाकर सरकार बना रही है और जिस छत्तीसगढ़ में भाजपा को सभी ने खारिज कर दिया था वहां सारे कयासों और भविष्यवाणियों को पटखनी देते हुए भगवा पार्टी सरकार बनाने जा रही है।
चुनावों के दौरान और एक्जिट पोल में तगड़ा प्रदर्शन करती दिख रही कांग्रेस तेलंगाना में ही सरकार बना रही है, जहां सत्ताविरोधी लहर के बीच उसने भारत राष्ट्र समिति को करारी पटकनी दी है। मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव हुए थे मगर उनकी गिनती कल होगी।
बहरहाल सियासी पंडित अक्सर कहते हैं कि दिल्ली का रास्ता हिंदी पट्टी से होकर जाता है। अगर वाकई ऐसा है तो इस सेमीफाइनल का नतीजा कांग्रेस के लिए अगले साल आम चुनावों को काफी मुश्किल बना गया है। पार्टी छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बरकरार रखते हुए तेलंगाना हासिल करने के मंसूबे बना रही थी। तेलंगाना तो उसे मिला मगर बाकी दोनों राज्य हाथ से निकल गए। विधानसभा चुनाव वाले इन पांचों राज्यों में लोकसभा की 84 सीट हैं।
समाचार लिखे जाने तक निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 156 सीट जीत चुकी है और 7 सीट पर आगे है। कांग्रेस अब तक 62 सीट जीत चुकी है और 4 सीट पर उसके उम्मीदवार आगे हैं।
राजस्थान की जनता पिछले तीन दशक से हर चुनाव में सरकार बदलती आ रही है और इस बार भी विपक्षी भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस से काफी आगे है। उसे 115 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस 68 सीट जीत चुकी है और 1 पर आगे है।
छत्तीसगढ़ की 90 में से 52 सीट पर भाजपा जीत चुकी है और 2 सीट पर आगे है। कांग्रेस को 34 सीट पर सफलता मिली है और 1 सीट पर वह बढ़त बनाए हुए है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा के शानदार प्रदर्शन को भारत की जनता के भरोसे का प्रतीक बताया और कहा कि भारत की जनता का भरोसा सिर्फ और सिर्फ सुशासन एवं विकास की राजनीति करने वाले में है।
भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने तीनों राज्यों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन को मोदी के नेतृत्व में सेवा, सुशासन तथा विकास पर जनता की मुहर और कांग्रेस के तुष्टिकरण, अराजकता तथा भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनादेश करार दिया।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि नतीजे दिखाते हैं कि लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘गारंटी’ को स्वीकार किया है। यह पूछे जाने पर कि राजस्थान के नए मुख्यमंत्री का नाम कब तक तय किया जाएगा, राजस्थान में भाजपा के चुनाव प्रभारी जोशी ने कहा कि यह ‘बहुत जल्द और सुचारु रूप से’ होगा।
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार पर निराशा जताते हुए कहा कि उनका दल इन राज्यों में खुद को मजबूत करेगा तथा विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के साथ मिलकर अगले लोकसभा चुनाव के लिए खुद को तैयार करेगा।
उन्होंने तेलंगाना में कांग्रेस की जीत के लिए मतदाताओं का आभार जताया। तेलंगाना की 119 सीटों में से कांग्रेस 63 सीट जीत चुकी है और 1 पर वह आगे है। सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति 37 सीट जीत चुकी है और 2 सीट पर आगे है। भाजपा 8 सीट जीत चुकी है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की है और 1 पर उसके उम्मीदवार आगे हैं। एक सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी आगे है।